Top
Begin typing your search above and press return to search.

मप्र में 9 साल में 10 गुना हुआ नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन

मध्य प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और नौ साल में दस गुना इजाफा दर्ज किया गया है

मप्र में 9 साल में 10 गुना हुआ नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन
X

भोपाल। मध्य प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और नौ साल में दस गुना इजाफा दर्ज किया गया है। यहां की सौर ऊर्जा से दिल्ली की मेट्रो रेल दौड़ रही है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया है कि, "प्रदेश में पिछले नौ सालों में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में दस गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश में वर्ष 2012 में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 491 मेगावॉट थी, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 5042 मेगावॉट हो गई है। इसमें पवन ऊर्जा की 2444 मेगावॉट, सौर ऊर्जा की 2380, बायोमास की 119 और लघु जल विद्युत परियोजना से 99 मेगावॉट बिजली शामिल है।"

डंग ने कहा प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि देश की सबसे बड़ी रीवा जिले की अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की बिजली से दिल्ली की मेट्रो रेल दौड़ रही है।

डंग ने बताया कि, "नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश लम्बी छलांग रहा है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश में सोलर पार्क परियोजना के अन्तर्गत 1500 मेगावॉट की आगर-शाजापुर-नीमचसोलर परियोजना का काम शुरू किया गया है। इसकी निविदा जुलाई 2021 तक पूर्ण कर वर्ष 2023 तक परियोजना स्थापित कर दी जायेगी। इससे उत्पन्न होने वाली बिजली भी प्रदेश के साथ भारतीय रेलवे को भी दी जायेगी। छतरपुर और मुरैना जिलों में भी 2900 मेगावॉट क्षमता के सोलर पार्क परियोजना की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है। राज्य शासन द्वारा इसके लिये भूमि चिन्हित कर ली गई है। भूमि के आधिपत्य की कार्यवाही प्रचलन में है। विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावॉट क्षमता की ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग परियोजना के लिये भी लगभग दो हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र चिन्हित कर लिया गया है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it