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मध्यप्रदेश पुलिस ने आतंकवादियों के खिलाफ कठोर और सबसे तेज कार्रवाई की: भूपेंद्र सिंह

 मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज विधानसभा में कहा कि देश के सामने आतंकवाद बहुत बड़ी चुनौती है और मध्यप्रदेश पुलिस ने उसके खिलाफ कठोर और सबसे तेजी से कार्रवाई की है

मध्यप्रदेश पुलिस ने आतंकवादियों के खिलाफ कठोर और सबसे तेज कार्रवाई की: भूपेंद्र सिंह
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भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज विधानसभा में कहा कि देश के सामने आतंकवाद बहुत बड़ी चुनौती है और मध्यप्रदेश पुलिस ने उसके खिलाफ कठोर और सबसे तेजी से कार्रवाई की है।

सिंह ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के डॉ गोविंद सिंह, रामनिवास रावत और शैलेंद्र पटेल की ध्यानाकर्षण सूचना का उत्तर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के खुफिया नेटवर्क के कारण पुलिस ने तीन बड़ी आतंकवादी घटनाओं का सफलतापूर्वक सामना किया।

उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ कार्यकर्ताओं द्वारा जेल ब्रेक, इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) की गतिविधियां चलाने के लिए समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज संचालन और ट्रेन ब्लास्ट मामले में पुलिस ने बखूबी अपना काम किया।

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों पर इतनी तेज गति से कार्रवाई देश में पहले नहीं देखी गई। जेल ब्रेक के मामले में सिमी कार्यकर्ता पांच घंटे के अंदर मार गिराए गए। इसी तरह ट्रेन ब्लास्ट में शामिल आतंकवादी भी पांच घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिए गए। इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई देनी चाहिए।
प्रदेश में आतंकवाद को जड़ें नहीं जमाने दिया जाएगा।

कांग्रेस सदस्यों ने कार्रवाई के लिए सरकार को बधाई दी, लेकिन इस मामले में उसे घेरने में असफल रहे। विपक्षी सदस्य केवल यही आरोप लगाते रहे कि इन मामलों में प्रदेश का खुफिया तंत्र नाकाम रहा।

सिंह ने बताया कि ट्रेन ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई है। उसके बारे में और बताना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा जम्मू-कश्मीर में नंवबर 2016 में दो आतंकवादियों सतविंदर और दादू की गिरफ्तारी के बाद उनसे हुई पूछताछ में हुआ था।
इसमें उन्होंने बताया था कि उनके बैंक खाते सतना से संचालित हो रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज के कारण टेलीफोन विभाग को तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। गृह मंत्री ने पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पूरे देश में चल रहे थे, लेकिन सबसे पहले उसका खुलासा मध्यप्रदेश में किया गया। इस मामले में 15 लोगों को पकड़ा गया है।
आरोपियों के बैंक खाते सील कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस मामले में पैसे और लालच ही कारण कई लोग जुड़े। उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोधक दस्ता इस मामले की जांच कर रहा है। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि समानांतर टेलीफोल एक्सचेंज कब शुरू हुआ और उसके पीछे कौन है।


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