मध्यप्रदेश : हाई कोर्ट के जज के बंगले पर ताला लगाने के मामले में पुलिस अधीक्षक तलब
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक न्यायिक अधिकारी के मामले में सुनवायी करते हुए पन्ना जिला पुलिस अधीक्षक को तलब किया

जबलपुर । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक न्यायिक अधिकारी के मामले में सुनवायी करते हुए पन्ना जिला पुलिस अधीक्षक को तलब किया है। इस मामले में सुनवायी चार जुलाई को होगी।
मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश एच पी सिंह की खंडपीठ के समक्ष पन्ना जिले के अजयगढ़ के न्यायिक दंडाधिकारी मनोज सोनी की ओर से पेश किए गए आवेदन में कहा गया है कि याचिकाकर्ता जज के सरकारी बंगले पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर ताला लगा दिया गया है। न्यायालय ने इस पर पुलिस अधीक्षक को तलब करने के आदेश कल दिए।
अजयगढ़ के सिविल कोर्ट में पदस्थ न्यायिक दंडाधिकारी मनोज सोनी के खिलाफ पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। जज ने उच्च न्यायालय से यह प्रकरण खारिज करने का अनुरोध करते हुए याचिका लगायी है। पन्ना जिला पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर अजयगढ़ सिविल कोर्ट में पदस्थ न्यायिक दंडाधिकारी मनोज सोनी के खिलाफ 13 जून को दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। प्रकरण दर्ज होने के बावजूद भी न्यायिक अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होने तथा उसकी 18 जून को होने शादी पर रोक लगाने की मांग करते हुए पीड़िता ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
युगलपीठ ने इसके पहले हुयी सुनवायी में विवाह पर रोक लगाने से इंकार करते हुए अपने आदेश में कहा था कि न्यायायिक अधिकारी को 'ज्यूडिशियल प्रोटेक्टशन एक्ट' के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने गाइड लाइन निर्धारित कर रखी है। पुलिस जांच के दौरान उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्धारित गाइड लाइन का पालन किया जाए।
पुलिस द्वारा दर्ज किये गये दुष्कर्म के प्रकरण को खारिज किये जाने की मांग करते जज मनोज सोनी ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि उन्हें जिला न्यायालय से अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया है। उन पर लगाये गये आरोप तथ्यहीन हैं और पुलिस द्वारा दर्ज किया गया प्रकरण खारिज किया जाये।


