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मप्र के महाविद्यालय, विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल : राज्यपाल

मध्य प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को डिजिटल किया जाएगा, साथ ही उच्च शिक्षा संस्थानों में इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है

मप्र के महाविद्यालय, विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल : राज्यपाल
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को डिजिटल किया जाएगा, साथ ही उच्च शिक्षा संस्थानों में इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। यह बात सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने विश्वविद्यालयों की राज्यस्तरीय समन्वय समिति की बैठक में कही। आधिकारिक बयान के अनुसार, राजभवन में आयोजित बैठक में टंडन ने कहा, "प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई व्यवस्था का प्रारंभ हो रहा है। इसमें जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक पालन करने वाले पुरस्कृत होंगे। मगर जिम्मेदारियों की उपेक्षा करने वाले दंड के भागी होंगे। लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल से लेकर द्वारपाल तक सभी पदों की जिम्मेदारी निर्धारित है। जिम्मेदारी का पालन नहीं करना असफलता है।"

राज्यपाल ने साफ शब्दों में कहा कि हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य की मॉनीटरिंग होगी। परिणाम नहीं देने वालों को सहन नहीं किया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा, "प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। शीघ्र ही सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय डिजिटल हो जाएंगे। आगामी छह माह में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।"

राज्यपाल ने कहा, "गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शैक्षणिक पर्यावरण आवश्यक है। पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शैक्षणिक कैलेण्डर, हराभरा परिसर, शौचालय और स्वच्छता आदि मूलभूत व्यवस्थाएं संस्थान में होना आवश्यक है।" उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विश्वविद्यालय सर्वेक्षण कराकर मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करें।

लालजी टंडन ने बैठक के निर्णयों के समयबद्ध पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि "कुलपति हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य व्यवस्था का निर्माण करें। परिणाम नहीं मिलने पर उत्तरदायी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। राजभवन द्वारा इसकी गहन मानीटरिंग भी की जाएगी। परिणाम पहले दिन से ही दिखना चाहिए।"

राज्यपाल ने कहा, "शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। नीति निर्धारण वैश्विक परिवर्तन और राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप चिंतन के आधार पर किया जा रहा है।"


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