Top
Begin typing your search above and press return to search.

मदनी का बयान हास्यास्पद, जिहाद और लव जिहाद पर भी करें विचार : आलोक कुमार

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि मदनी को थोड़ा अपने अंदर झांक कर भी देखना चाहिए

मदनी का बयान हास्यास्पद, जिहाद और लव जिहाद पर भी करें विचार : आलोक कुमार
X

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि मदनी को थोड़ा अपने अंदर झांक कर भी देखना चाहिए, देवबंदी विचारधारा के बारे में भी विचार करना चाहिए और यह भी विचार करना चाहिए कि पूरे विश्व में जिहाद के नाम पर सभ्य समाज में जो आतंक पैदा कर रहे हैं, जो हिंसा हो रही है, क्या यह विश्व शांति के लिए उचित है?

आलोक कुमार ने कहा कि मदनी का यह बयान कि कांग्रेस को 70 साल पहले बजरंग दल पर बैन लगाना चाहिए था, यह हास्यास्पद है क्योंकि बजरंग दल का तो उस समय जन्म ही नहीं हुआ था।

आलोक कुमार ने बजरंग दल को हिंदू समाज की रक्षा पंक्ति बताते हुए कहा कि बजरंग दल देश की सात्विक और धार्मिक शक्तियों का बल है जो देश को तोड़ने वाली ताकतों के खिलाफ खड़ा रहता है। लव जिहाद, गैरकानूनी गौकशी, धर्मांतरण और इन जैसे अन्य मुद्दों पर कानून के अंतर्गत मयार्दा का पालन करते हुए हिंदू समाज की रक्षा पंक्ति बन कर खड़ा है।

बजरंग दल पर बैन लगाने को मिस एडवेंचर बताते हुए विहिप नेता ने कहा कि 1992 में कांग्रेस सरकार ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया था, ट्रिब्यूनल ने इस पर 6 महीने सुनवाई करने के बाद यह कहते हुए प्रतिबंध को रद्द कर दिया कि बजरंग दल पर बैन लगाने का कोई भी आधार यह सरकार साबित नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि अगर अभी भी इस तरह का कोई मिस एडवेंचर होगा तो परिणाम यही होगा।

विहिप नेता ने जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को जिहाद और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर थोड़ा अपने अंदर भी झांक कर देखने की सलाह देते हुए पूछा कि क्या जिहाद की इस अवधारणा पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए? क्या पूरे देश की सिविल सोसायटी एवं सभ्य समाज को जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ सामने आकर खड़ा नहीं होना चाहिए? यह विचार करने का समय है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it