क्या कोई खुद को ही लिखता है माननीय
लखनऊ ! क्या कोई व्यक्ति खुद को माननीय कह कर संबोधित कर सकता है। निश्चय ही इसका जवाब न में होगा मगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन

लखनऊ ! क्या कोई व्यक्ति खुद को माननीय कह कर संबोधित कर सकता है। निश्चय ही इसका जवाब न में होगा मगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन से खिन्न सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पांच जनवरी रिपीट पांच जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने संबंधी आज लिखे एक पत्र में कई जगह खुद को माननीय कह कर संबोधित किया है।
दरअसल, सपा में पल पल बदलती तस्वीर के बीच पार्टी महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने आज सुबह 11 बजे जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाया था। सम्मेलन में बडी तादाद में शामिल हुये विधायकों और जनप्रतिनिधियों से प्रो यादव ने हाथ उठवा कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने संबंधी एक प्रस्ताव पारित कराया। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को पद से हटाये जाने और महासचिव अमर सिंह के निष्कासन का भी विधिवत एलान किया।
इस घटना से क्षुब्ध श्री मुलायम सिंह यादव ने एक बयान जारी कर न/न सिर्फ सम्मेलन को असंवैधानिक करार दिया बल्कि जनेश्वर मिश्र पार्क में ही पांच दिसम्बर को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुला लिया। श्री यादव के स्वहस्ताक्षरित इस बयान में कम से कम तीन जगह माननीय मुलायम सिंह यादव लिखा हुआ है।
श्री यादव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा है “ समाजवादी पार्टी को खडा करने एवं सांप्रदायिक शक्तियों से जान जोखिम में डालकर संघर्ष करने का माननीय मुलायम सिंह यादव का इतिहास रहा है। कुछ लोग अपने कुकृत्यों को छिपाने के लिये और सीबीआई से बचने के लिये तथा भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिये माननीय मुलायम सिंह यादव का लगातार अपमान कर रहे हैं। उन्ही लोगों ने आज का तथाकथित सम्मेलन बुलाने की साजिश की है।”
इससे पहले राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि “ नेताजी (मुलायम) के खिलाफ साजिश हो रही है। मेरे खिलाफ लेटर लिखने के लिए घर से टाइपराइटर मंगाये गये। कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश करके न केवल पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम किया, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने भी संकट पैदा किया। नेताजी के खिलाफ साजिश हो तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं ऐसे लोगों के खिलाफ बोलूं।”


