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लखनऊ : फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बायोमैट्रिक मानकों को बनाकर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड को आज लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया

लखनऊ : फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड गिरफ्तार
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बायोमैट्रिक मानकों को बनाकर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड को आज लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि फर्जी रुप से आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के मास्टर माइण्ड दुर्गेश कुमार मिश्रा को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया ।उसके पास से एक अदद लेप टाॅप, मोबाइल फोन बरामद किया गया है ।

उन्होंने बताया कि 25 अगस्त को रूपेश शर्मा डिप्टी डायरेक्टर (यूआईडीएटी) द्वारा बायोमैट्रिक मानक को बनाकर आधार कार्ड बनाने वाले अज्ञात गिरोह के विरूद्ध थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था ।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह को इस गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए नौ सितम्बर को गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी संख्या में उपकरण एवं अभिलेख बरामद करने में सफलता प्राप्त की
गयी थी।

श्री सिंह ने बताया कि पकड़े गसे लोगों से पूछताछ पर इस अवैध धन्धे से जुड़े अन्य लोग भी प्रकाश में आये थे तथा गिरोह के मास्टर माइण्ड के रूप में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के जैतपुर निवासी दुर्गेश कुमार मिश्रा का नाम प्रकाश में आया था।

जानकाी मिली कि दुर्गेश कुमार मिश्रा पहले इन्फो सिस्टम प्रा.लि. की सिस्टर कन्सर्न आभा कन्सल्टेन्सी, जो आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकृत की गयी थी, का असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर है, जिसके द्वारा पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त सौरभ को टेम्पर्ड क्लांइन्ट साफ्टवेयर और कृत्रिम फिंगर प्रिंट आदि बनाने की विधि ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी थी।

उन्होंने बताया कि दुर्गेश कुमार मिश्रा को आज एसटीएफ ने अग्रिम पूछताछ के लिए साइबर क्राइम थाने पर लखनऊ पर बुलाया तथा पूछताछ पर अपराध की पुष्टि होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया । उससे इस अपराध के नेटवर्क के बारे में महत्वूपर्ण नई जानकारियाॅ प्राप्त हुई हैं, जिन पर आगे कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने बताया कि बरामद लैपटाप से इस अभियुक्त के सम्बन्ध में अपराध करने के ठोस साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। बरामद लैपटाप की जाॅच कम्प्यूटर फोरेन्सिक तकनीकों के माध्यम भी करायी जाएगी।



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