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श्रवण शाहू हत्याकांड मामला : अदालत ने सीबीआई से जांच कराने के आदेश

लखनऊ ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुचर्चित श्रवण शाहू हत्याकांड मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के आदेश दिए हैं।

श्रवण शाहू हत्याकांड मामला : अदालत ने सीबीआई से जांच कराने के आदेश
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लखनऊ ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुचर्चित श्रवण शाहू हत्याकांड मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई पूरे मामले की जांच करे और यह भी मालूम करे कि इस हत्याकांड में क्या पुलिसकर्मियों की भी भूमिका रही। न्यायालय ने यह भी पूछा कि श्रवण शाहू को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने वी द पीपल संस्था के अधिवक्ता प्रिंस लेनिन द्वारा दायर जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिया। याची के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि यह काफी गंभीर मामला है जिसमें अपने बेटे की हत्या की अदालत में पैरवी कर रहे पिता श्रवण शाहू की भी दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। याचिका में कहा गया कि श्रवण साहू द्वारा अपने व परिवार तथा बेटे के मामले के गवाहों को सुरक्षा मांगने के बावजूद मुहैया नहीं कराई गई। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों की भी भूमिका रही। इस मामले में शामिल एक पुलिसकर्मी की सेवाएं फिर से बहाल कर ली गईं। सुनवाई के समय अदालत से सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश पहले ही कर दी थी। न्यायालय ने इस मामले में सरकार से पहले भी जवाब तलब किया था। अधिवक्ता ने याचिका की सुनवाई के समय कहा कि पहले श्रवण साहू के बेटे आयुष शाहू की हत्या कर दी गई और बाद में अपने बेटे की हत्या की अदालत में पैरवी कर रहे श्रवण साहू की भी हत्या कर दी गई। गौरतलब है कि श्रवण साहू के पुत्र आयुष साहू की 16 अक्टूबर 2013 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। श्रवण साहू को हत्या के लगभग एक माह पहले जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इस बात की मामला भी श्रवण साहू ने दर्ज कराई थी। यह भी कहा गया कि श्रवण साहू ने अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस व प्रशासन से गुहार लगाई थी लेकिन पुलिस ने कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। गत एक फरवरी को आरोपियों ने श्रवण साहू की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी। मांगने के बाद भी उनको कोई असलहा लाइसेंस भी स्वीकृत नहीं किया गया था। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आगामी चार अप्रैल की तारीख नियत की है।


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