एलएचबी रैक के साथ चलेगी एलटीटी-हावड़ा समरसता एक्सप्रेस
भारतीय रेलवे में चलने वाली यात्री गाडियों को समय के अनुसार आधुनिक एवं सुविधायुक्त बनाया जा रहा है

दल्लीराजहरा। भारतीय रेलवे में चलने वाली यात्री गाडियों को समय के अनुसार आधुनिक एवं सुविधायुक्त बनाया जा रहा है। पुराने पारंपरिक कोचो के स्थान पर अत्याधुनिक कोच एवं लगाए जा रहे है।
इसी कड़ी में मुंबई एवं हावड़ा के मध्य चलने वाली 12151/12152 एलटीटी-हावड़ा-एलटीटी, समरसता एक्स. को एलएचबी रैक से बदला गया है। अब यह गाड़ी दिनांक 21 दिसंबर, 2017 को एलटीटी से रवाना होने वाली एवं 23 दिसंबर, 2017 को हावड़ा से रवाना होने वाली रैक एलएचबी कोच के साथ शुरु हो जाएगी। वर्तमान में इस गाड़ी में 24 कोच लगाए जाते थे परन्तु एलएचबी कोच में बर्थ की अधिक संख्या के अनुसार यह गाड़ी 22 एलएचबी कोचों के साथ चलेगी।
एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किये गये जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के नाम पर पड़ा है। एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किए गये। वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में किया जा रहा है। एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते है एवं यात्रियों की सुरक्षित रहने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है, एवं अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है।
इन कोचों में बायोटायलेट की सुविधा दी गई है जो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है।


