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हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी विकास के लिए मिल कर काम करेंगे एलएंडटी, आईआईटी बॉम्बे

इंजीनियरिंग सेवा एवं निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने भारत में हरित हाइड्रोजन उद्योग के विकास और इस क्षेत्र में अगली पीढ़ी की तकनीक विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ करार किया है।

हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी विकास के लिए मिल कर काम करेंगे एलएंडटी, आईआईटी बॉम्बे
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मुंबई, इंजीनियरिंग सेवा एवं निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने भारत में हरित हाइड्रोजन उद्योग के विकास और इस क्षेत्र में अगली पीढ़ी की तकनीक विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ करार किया है।

इस समझौते के तहत दोनों संस्थान स्वच्छ ईंधन के स्रोत हरित हाइड्रोजन की प्रौद्योगिकी और इसकी उत्पादन श्रृंखला की दिशा में मिल कर अनुसंधान और विकास का काम करेंगे।

इंजीनियरिंग और उच्च प्रौद्योगिकी आधारित निर्माण कार्य एवं सेवाओं का कारोबार कर रही एलएंडटी की एक विज्ञप्ति के अनुसार इंजीनियरिंग विशेषज्ञता, उत्पाद का विस्तार और व्यवसायीकरण के बारे में उसकी पूरी जानकारी और हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में आईआईटी बॉम्बे के अत्याधुनिक शोध से इस साझेदारी को अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

एलएंडटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रह्मण्यम ने कहा, ‘एलएंडटी हमेशा भारत में सभी क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति और स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाने में सबसे आगे रही है। हम अपने भागीदारों के साथ मिलकर भारत में ग्रीन हाइड्रोजन इकोनॉमी को आगे बढ़ाने की स्थिति में हैं।’

सुब्रह्मण्यम के कहा कि एलएंडटी के साझीदार और ग्राहक भी लागत कम करने और ग्रीन हाइड्रोजन का औद्योगीकरण करने की हमारी क्षमता का लाभ उठाने की आशा कर रहे हैं। .......यह सहयोग स्वदेशी विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी टेक्नोलॉजी के विकास का समर्थन करेगा और भारत को ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा।’

आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रो. शुभाशीष चौधरी ने कहा, ‘‘जलवायु संकट की तात्कालिकता और 2070 तक भारत के शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए, जीवाश्म ईंधन की तुलना में ग्रीन हाइड्रोजन की दिशा में बदलाव इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत का राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन सही दिशा में एक कदम है, और मुझे विश्वास है कि एलएंडटी के साथ हमारी साझेदारी के बाद एक लागत प्रभावी समाधान विकसित हो सकेगा। ।’’

केंद्र सरकार ने फरवरी 2022 में हरित हाइड्रोजन नीति को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य देश को मॉलीक्यूल के पर्यावरण के अनुकूल संस्करण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने में मदद करने हेतु ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन को बढ़ावा देना है।


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