उपराज्यपाल ने दिल्ली नगर निगम की संपत्ति कर नीति में बड़े बदलावों की घोषणा की
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उस मामले की जांच करने के लिए सहमत हो गया, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के कामकाज के खिलाफ अपनी टिप्पणियों के संबंध में ट्रांसफर की धमकी मिलने का दावा किया है

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम के संपत्ति कर ढांचे में बड़े नीतिगत बदलावों की घोषणा की और सह-भागिता नामक एक योजना का शुभारंभ किया है, जो आरडब्ल्यूए को इष्टतम कर संग्रह और अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदार बनाएगी है। यह नई समान नीति संपत्ति कर संरचना लंबे समय से लंबित युक्तिकरण को संबोधित करती है।
संपत्ति कर संरचना में अतिरिक्त छूट के लिए अपशिष्ट पृथक्करण, विकेंद्रीकृत प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को धुरी बनाया गया है। यह नीति सहभागिता नामक एक नई पहल के साथ आई है जो सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से विकास कार्यों सहित संपत्ति कर संग्रह और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को जोड़ती है।
सहभागिता पहल का उद्देश्य रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को प्रोत्साहित कर के कर संग्रह में दक्षता और अनुपालन में सुधार करना है।90 फीसदी कर संग्रह दक्षता प्राप्त करने पर आरडब्ल्यूए अपने क्षेत्रों में कर संग्रह के 10 फीसदी तक या 1 लाख रुपये की सीमा तक के विकास कार्य की सिफारिश कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, यदि संबंधित कॉलोनी स्रोत पर 100 फीसदी अपशिष्ट पृथक्करण लागू करती है, कॉलोनी में गीले कचरे का संयोजन करती है, पुन: चक्रीय सूखे कचरे का पुन: चक्रण करती है और बचे हुए सूखे कचरे को दिल्ली नगर निगम या उसकी अधिकृत एजेंसियों को सौंप दें तो भुगतान किए गए कर के 5 फीसदी का अतिरिक्त प्रोत्साहन उपलब्ध होगा।
यह संपत्ति कर नीति पहले के तीनों नगर निगमों के विभिन्न ²ष्टिकोणों में एकरूपता लाती है। इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा, लंबे समय से प्रतीक्षित इन सुधारों से बहुप्रतीक्षित सामुदायिक भागीदारी आएगी और यह सुनिश्चित होगा कि नागरिक दिल्ली नगर निगम में हितधारक बनें। इससे एक ओर जहां दिल्ली वासियों को बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी वहीं दूसरी ओर लोगों की सक्रिय सहभागिता से नगर निगम के राजस्व में भी वृद्धि हो सकेगी।


