रसोई गैस की तर्ज पर रेल टिकट खरीदते समय यात्रियों को सब्सिडी न लेने का दिया जाएगा विकल्प
अपनी कमाई की लगभग 50 फीसदी रकम सब्सिडी दे रही रेल मंत्रालय को एक यात्री ने यह आइडिया दे दिया है कि अब वह स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने वाले यात्रियों का भी स्वागत करेगी

नई दिल्ली। अपनी कमाई की लगभग 50 फीसदी रकम सब्सिडी दे रही रेल मंत्रालय को एक यात्री ने यह आइडिया दे दिया है कि अब वह स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने वाले यात्रियों का भी स्वागत करेगी। इसके लिए रेल मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि रसोई गैस सिलेंडर की तर्ज पर जो यात्री सब्सिडी न लेना चाहे वह मनचाही प्रतिशत सब्सिडी के एवज में निर्धारित राशि रेलवे को दे सकेंगे।
रेलवे ने यह व्यवस्था इसलिए की है कि अभी उसे आम यात्रियों सहित विभिन्न श्रेणियों के रियायती यात्रियों पर करीबन 33 हजार करोड़ रूपए अदा करने पड़ रहे हैं।
भारतीय रेलवे रोजाना करीबन ढाई करोड़ लोगों को यात्रा करवाती है और इसमें अपर क्लास के यात्री नौ प्रतिशत करीबन होते हैं तो उनसे राजस्व की प्राप्ति 30 प्रतिशत से अधिक होती है। सेकेंड क्लास के यात्रियों की तादाद 53 प्रतिशत से अधिक होती है और उनसे प्राप्त राजस्व भी करीबन 51 फीसद होता है।
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो अभी भारतीय रेल वरिष्ठ नागरिक, खिलाड़ियों, कलाकारों, विक्लांग, खास तरह के रोगियों, बेरोजगार छात्रों को सब्सिडी की यात्रा का अवसर देता है तो वहीं अन्य श्रेणियों में भी किफायती किराए ही वसूले जा रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे करीबन 57 प्रतिशत सब्सिडी अपने यात्रियों को दे रहा है और कुल 50 करोड़ सीटें सालाना देने के बाद भी कुल आय में 43 प्रतिशत पैसा सब्सिडी में जा रहा है। यह रकम करीबन 33 हजार करोड़ रूपए है।
सब्सिडी का यह भार उपनगरीय सेवाओं में 63 फीसदी तक पहुंच जाता है। भारतीय रेलवे को पिछले दिनों फरीदाबाद निवासी औतार के.खेर ने कहा कि उनकी टिकट पर लिखा हुआ है कि उन्हें 43 प्रतिशत का भार देश का आम नागरिक वहन करता है।
उन्होंने कहा कि वह इसे खुद वहन करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने कुल टिकट के अनुसार 950 रूपए का चेक रेल मंत्री को लिखे पत्र के साथ भेज दिया।
आईआरसीटीसी को भेजे गए चेक को देखकर रेल अधिकारियों को पसीने आ गए। लेकिन अब रेल मंत्रालय ने तय किया है कि वह टिकट खरीदते समय ऑनलाइन व टिकट खिड़की पर फॉर्म में यह विकल्प देगा कि यात्री यदि सब्सिडी देना चाहे तो वह दे सकेंगे। इसके लिए फॉर्म में सौ प्रतिशत सब्सिडी देने, 50 प्रतिशत व 25 प्रतिशत तक का विकल्प दिया जा सकता है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय इस योजना को अगले माह तक शुरू करने पर मंथन कर रहा है।


