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लाउडस्पीकर विवाद: कर्नाटक ने निर्धारित किए दिशानिर्देश, हिंदू निकायों ने तत्काल कार्यान्वयन का आग्रह किया

राज्य में लाउडस्पीकर विवाद के बाद कर्नाटक की भाजपा सरकार हरकत में आ गई है

लाउडस्पीकर विवाद: कर्नाटक ने निर्धारित किए दिशानिर्देश, हिंदू निकायों ने तत्काल कार्यान्वयन का आग्रह किया
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बेंगलुरु। राज्य में लाउडस्पीकर विवाद के बाद कर्नाटक की भाजपा सरकार हरकत में आ गई है। पर्यटन मंत्री आनंद सिंह ने मंगलवार को कहा कि लाउडस्पीकरों के उपयोग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर मंदिर, मस्जिद और चर्च प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। आनंद सिंह ने कहा कि लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध है और अगर स्थानीय लोग शिकायत दर्ज कराते हैं तो कार्रवाई शुरू की जाएगी। पूरे देश में जो कानून है उसे यहां भी लागू किया जाएगा।

आनंद सिंह ने कहा कि दिशानिर्देशों को 7 से 10 दिनों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उल्लंघन के मामले में धार्मिक स्थलों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।

मंत्री ने आगे कहा, औद्योगिक क्षेत्रों (सुबह 75 डेसिबल और शाम को 70 डेसिबल) के लिए डेसिबल की सीमा तय की जा रही है। वाणिज्यिक क्षेत्रों में, यह 55 डेसिबल और 65 डेसिबल पर सुबह और रात में तय किया गया है। रिहायशी इलाकों के लिए यह दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय किया गया है। सिंह ने कहा कि मूक क्षेत्रों (साइलेंट जोन) में, यह सुबह 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल है।

इस बीच, मुख्य सचिव पी. रवि कुमार द्वारा हस्ताक्षरित और मीडिया को जारी किए गए नोट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देशों के अनुसार इस संबंध में दिशा-निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए।

इस मुद्दे पर हुई बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग से लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और अन्य विभागों के तमाम आला अधिकारियों ने भाग लिया।

ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों और कर्नाटक सरकार द्वारा 13 अगस्त, 2022 के बाद के आदेश को लागू करने के लिए चर्चा की गई।

बोम्मई ने निर्देश दिया है कि नियमों और कर्नाटक सरकार के आदेश को सख्ती से लागू किया जाए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के सभी यूजर्स को 15 दिनों के भीतर नामित प्राधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करनी चाहिए। जो लोग अनुमति प्राप्त नहीं करते हैं उन्हें स्वेच्छा से (लाउडस्पीकर) हटा देना चाहिए या नामित प्राधिकारी द्वारा हटाया जाना चाहिए।

हालांकि, श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कहा कि जब तक दिशा-निर्देश लागू नहीं हो जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।


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