Top
Begin typing your search above and press return to search.

हिमाचल प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ का नुकसान : सुक्खू

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में शुरुआती आकलन के अनुसार प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है

हिमाचल प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ का नुकसान : सुक्खू
X

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा कि राज्य में शुरुआती आकलन के अनुसार प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

श्री सुक्खू ने यहां कहा कि संवदेनशील सरकार का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रभावित लोगों को सम्मानजनक राशि प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वित्तीय सहायता राशि में कई गुणा वृद्धि की है तथा तत्काल सहायता के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। राहत राशि में की गई यह वृद्धि मानव जीवन, संपत्ति आदि की हानि और राहत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अन्य सभी उपशीर्षों में प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त घरों (कच्चे और पक्के मकानों) और दुकानों को ऐसी आपदा के समय में दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करके विशेष मापदंड अधिसूचित किए हैं। सामान के नुकसान के एवज में दस गुणा बढ़ोतरी कर 10,000 रुपये के स्थान पर अब एक लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। मानवीय दृष्टिकोण का आदर्श स्थापित करते हुए अन्य क्षेत्रों में भी इतनी ही बढ़ोतरी की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों, विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं इत्यादि द्वारा 22 जुलाई तक 16.50 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान इस राहत कोष में प्राप्त हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों के लिए 188.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस संकट के समय में सामूहिक प्रयासों और उदारता ने करुणा और एकता की शक्ति को प्रदर्शित करते हुए लोगों के दुखों को बांट कर उनकी कठिनाइयों को कम करने का काम किया है।

श्री सुक्खू ने कहा कि अप्रत्याशित कठिनाईयाें का सामना करते हुए राज्य के लोगों ने असाधारण बहादुरी एवं एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस मुश्किल घड़ी में समर्थन एवं राहत के लिए लाखों हाथों का निःस्वार्थ रूप से आगे आना हमारे आपसी भाईचारे एवं संस्कारों का परिचायक है। भारी बारिश, भू-स्खलन व बादल फटने के कारण नौ जुलाई को आई तबाही व इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश की यात्रा एक मार्मिक अनुस्मारक के रूप में सदैव यह दर्शाएगी कि करुणा समुदायों को प्रकृति के सबसे कठोर प्रहारों के बावजूद भी सहन करने और पुनर्निर्माण करने में मदद कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि जुलाई के शुरूआत में आए प्रकृति के प्रकोप ने हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे देश को आगोश में भर लिया, परंतु भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण जितना खौफनाक मंजर हिमाचल ने देखा शायद ही किसी अन्य राज्य ने देखा हो। फिर भी, इस संकट का सामना करने में प्रदेशवासियों और राज्य सरकार ने मिलकर प्रदेश के मार्गदर्शक सिद्धांत ‘अतिथि देवो भव:’ का उदाहरण प्रस्तुत किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it