लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मालदीव रवाना
लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति’ विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदो के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मालदीव के दौरे पर आज रवाना हो गये।

नयी दिल्ली । लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति’ विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदो के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मालदीव के दौरे पर आज रवाना हो गये।
Arrived today in Male, Maldives with Hon’ble Deputy Chairman, Rajya Sabha @HarivanshNSingh to attend the 4th South Asian Speakers’ Summit on ‘Achieving the Sustainable Goals. Looking forward to meaningful, constructive and fruitful discussions during my meeting with the Speakers. pic.twitter.com/6GtoTKpSnj
— Om Birla (@ombirlakota) August 31, 2019
मालदीव की राजधानी माले में एक और दो सितंबर को ‘सतत विकास लक्ष्यों ( एसडीजी) की प्राप्ति’ विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदीय सदनों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
बिरला के साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा भी गये हैं।
भारत के अलावा अफगानिस्तान, बंगलादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष/पीठासीन अधिकारी दक्षिण एशियाई अध्यक्ष मंच में शामिल है। इस मंच की संकल्पना ढाका (बंगलादेश) में 2016 में हुए पहले दक्षिण एशियाई देशों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में की गई थी। दूसरा और तीसरा शिखर सम्मेलन क्रमश: भारत में इंदौर (2017) और श्रीलंका की राजधानी कोलंबो (2018) में हुआ था।
इस सम्मेलन में शिष्टमंडल सतत विकास लक्ष्यों संबंधी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए उनकी संसदों द्वारा किए गए कार्यों और 2018 में दक्षिण एशियाई देशों की संसदीय सदनों के अध्यक्षों द्वारा स्वीकृत की गई कोलंबो घोषणा में
मुद्दों पर चर्चा करेंगे । तीन सत्रों के दौरान शिष्टमंडल ‘समान पारिश्रमिक और युवाओं के लिए रोजगार सृजन के साथ ही कार्य में समानता को बढ़ावा देना, ‘सतत विकास लक्ष्य दो और तीन-एशिया प्रशांत क्षेत्र में मातृ शिशु और किशोरों के लिए स्वास्थ्य के सहायक के रूप में पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त करना’ और ‘पर्यावरण परिवर्तन संबंधी वैश्विक एजेंडे को बढ़ावा देना - पेरिस समझौते को लागू करने संबंधी चुनौतियों से निपटना तथा इसके क्षेत्रीय एजेंडे को सुदृढ़ करने के लिए अवसरों का उपयोग करना’ विषयों पर चर्चा करेंगे ।
शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर एक संयुक्त घोषणापत्र को भी जारी किया जाएगा।


