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लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने मंगोलिया के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और स्पीकर से की मुलाकात

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान मंगोलिया के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और स्पीकर से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूत करने और व्यापक बनाने के लिए भारत की तरफ से प्रतिबद्धता जताई है

लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने मंगोलिया के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और स्पीकर से की मुलाकात
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कैंप उलानबटोर/नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान मंगोलिया के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और स्पीकर से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूत करने और व्यापक बनाने के लिए भारत की तरफ से प्रतिबद्धता जताई है।

लोक सभा अध्यक्ष मंगोलिया की यात्रा पर गए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस दौरे के दौरान शुक्रवार को उन्होंने मंगोलिया के राष्ट्रपति उख्हनागीन हुरेलसुख के साथ शिष्टाचार भेंट की। बिरला ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि मंगोलिया के इतिहास में साहस, शौर्य और निर्भीकता की अद्भुत गाथाएं हैं, कहा कि मंगोलिया का इतिहास आज भी हमें प्रेरित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म की हमारी साझी गौरवशाली विरासत से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं ।

बिरला ने वर्ष 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगोलिया की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ हुए। भारत मंगोलिया के आर्थिक विकास में एक विश्वसनीय सहयोगी है, मंगोलिया की ऑयल रिफाइनरी परियोजना विदेशों में भारत द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी परियोजना है, जो दोनों देश के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक है।

लोक सभा अध्यक्ष ने उख्हनागीन हुरेलसुख को बताया कि भारत की संसद का नया भवन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया है। यह भवन पर्यावरण अनुकूल भवनों के मानकों के अनुरूप है और इस भवन में सभी उन्नत प्रौद्योगिकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि भारत के सांसद अपने सभी विधायी कार्य अधिक आसानी और कुशलता के साथ कर सकें।

लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र और गुट निरपेक्ष आंदोलन में मंगोलिया की सदस्यता का समर्थन किया था। वहीं, मंगोलिया ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत की उम्मीदवारी का लगातार समर्थन किया है और उन्हें विश्वास है कि वर्ष 2028-29 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का मंगोलिया निश्चय ही समर्थन करेगा।

मंगोलिया के प्रधान मंत्री ओयुन ऐर्दन लुव-सन्म-सरेन के साथ शिष्टाचार भेंट के दौरान बिरला ने संसदीय व्यवस्था को लेकर भारत द्वारा सहायता दिए जाने की बात कहते हुए कहा कि भारत की संसद मंगोलिया की संसदीय संस्थाओं के विकास, शोध ग्रंथालय के उन्नयन और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए तत्पर है। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी व्यक्त की कि मंगोलिया में भारत-मंगोलिया फ्रेंडशिप स्कूल और आईटी क्षेत्र से संबंधित अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सहित कई अन्य परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

मंगोलिया की संसद, स्टेट ग्रेट खुराल के स्पीकर जी. जंडनशतर के साथ हुई बैठक के दौरान लोक सभा अध्यक्ष ने मंगोलिया की संसद तथा वहां की मित्रवत जनता को मंगोलिया के राष्ट्रीय नादम उत्सव के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत की संसद, सरकार और 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं। दोनों देशों के बीच संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान की एक लंबी एवं स्वस्थ परंपरा रही है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि संसदीय विचार-विमर्श दोनों देशों के परस्पर संबंधों का महत्वपूर्ण भाग हैं, तथा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय क्षेत्रों में संसदीय विचार-विमर्श से आपसी तालमेल और विश्वास बढ़ाने, आम सहमति बनाने और सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संसद की शोध एवं प्रशिक्षण संस्था, प्राइड, मंगोलिया के सांसदों, अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन कर सकती है। साथ ही, भारत की संसद मंगोलिया की संसदीय संस्थाओं को विकसित करने, शोध ग्रंथालय के उन्नयन के क्षेत्र में सहयोग करने को तत्पर है।

यात्रा के दौरान बिरला ने मंगोलिया की ग्रेट ह्यूरल (संसद) का दौरा किया और सदन की कार्यवाही भी देखी। इसके अलावा उन्होंने मंगोलिया में मंगोल आयल रिफाइनरी के मुख्यालय का दौरा भी किया। आयल रिफाइनरी की यह परियोजना लाइन ऑफ क्रेडिट कार्यक्रम के तहत विदेशों में भारत द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी परियोजना है, जो मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। यह परियोजना दोनों देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।

मंगोलिया की यात्रा के दौरान बिरला ने भारत-मंगोलिया संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों के साथ बातचीत भी की और साथ ही मंगोलिया में रह रहे भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया।


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