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लोकसभा : विपक्ष ने फारूक की हिरासत और कश्मीर मुद्दा उठाया

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोगों को रिहा करने की मांग की

लोकसभा : विपक्ष ने फारूक की हिरासत और कश्मीर मुद्दा उठाया
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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोगों को रिहा करने की मांग की और कश्मीर में 'अस्थिरता' का मुद्दा उठाया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इसके लिए प्रदर्शन शुरू हो गया।

कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सदस्य इसके बाद अध्यक्ष के आसन के पास आकर 'देश बांटना बंद करो' जैसे नारे लगाने लगे।

कांग्रेस के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के सदस्य भी आ गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा प्रश्नकाल में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद केसिनेनी श्रीनिवास को पहला सवाल करने के लिए आमंत्रित करते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

विपक्षी सांसदों ने अब्दुल्ला के अलावा नवगठित केंद्र शासित प्रदेश में हिरासत में रखे गए विभिन्न नेताओं की रिहाई के लिए नारेबाजी शुरू कर दी।

अध्यक्ष बिड़ला के कहने के बावजूद विपक्षी सांसदों ने जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे को लेकर नारेबाजी जारी रखी और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने श्रीनिवास को जवाब दिया।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।

हंगामे के बीच बिड़ला ने कार्यवाही जारी रखी।

इस बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सांसदों से प्रश्नकाल को सुचारु रूप से चलने देने का आग्रह किया और उन्हें आश्वास दिया कि सरकार शून्यकाल में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

हंगामा जारी रहने पर बिड़ला ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि वे उन्हें नियम के अनुसार बोलने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सांसदों से सीट पर बैठने और सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने के लिए कहा।

प्रदर्शनकारी सांसदों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सहयोगी शिवसेना के सांसद भी थे, लेकिन वे किसानों के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।


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