Top
Begin typing your search above and press return to search.

लोकसभा चुनाव: कम होता मतदान, किसका नुकसान

भारत में लोकसभा चुनावों के पहले तीन चरणों की तरह ही चौथे चरण में भी 2019 के मुकाबले मतदान प्रतिशत कम रहा

लोकसभा चुनाव: कम होता मतदान, किसका नुकसान
X

भारत में लोकसभा चुनावों के पहले तीन चरणों की तरह ही चौथे चरण में भी 2019 के मुकाबले मतदान प्रतिशत कम रहा. बीजेपी का कहना है कि इससे विपक्ष को चिंता होनी चाहिए, लेकिन पार्टी के नए विज्ञापन कुछ और ही कहानी कह रहे हैं.

चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मतदान के चौथे चरण में अभी तक करीब 67 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुताबिक 2019 में इन्हीं सीटों में मतदान प्रतिशत 69.6 रहा था, यानी इस बार का आंकड़ा करीब दो प्रतिशत कम है.

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस अखबार का दावा है कि 2019 में इन सीटों में 68.8 प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार से सिर्फ करीब एक प्रतिशत ज्यादा.

श्रीनगर में घरों से निकले लोग

सबसे ज्यादा मतदान पश्चिम बंगाल (78.44 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (78.25 प्रतिशत) में हुआ और सबसे कम जम्मू और कश्मीर (37.98 प्रतिशत) में हुआ. जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर लोकसभा सीट की कहानी दिलचस्प है.

श्रीनगर में इस बार 38 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जो वहां के लिए बीते कई चुनावों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन है. आखिरी बार इस तरह का बेहतर मतदान प्रतिशत 1996 में दर्ज किया गया था, जब करीब 40 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.

2019 में यहां सिर्फ 14.4 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था. हालांकि पिछले चुनावों और इन चुनावों में एक बड़ा फर्क है. इन चुनावों से पहले श्रीनगर लोकसभा सीट का परिसीमन कर दिया गया था, जिस वजह से इस बार इसमें कई नई विधानसभा सीटें जुड़ गई हैं.

चौथे चरण के साथ लोकसभा की 543 में से 379 सीटों, यानी दो तिहाई से ज्यादा पर मतदान पूरा हो गया है. चारों चरणों में मतदान 2019 के मुकाबले कम रहा. राजनीतिक पार्टियां और विश्लेषक सभी इसे लेकर चिंतित हैं.

जानकारों का मानना है कि यह मतदाताओं के मन में मतदान को लेकर उत्साह की कमी को दर्शाता है. पार्टियों को चिंता है कि मतदान करने नहीं जाने वाले मतदाता कहीं उनके समर्थक तो नहीं थे.

दोनों पक्षों का एक ही दावा

विपक्षी पार्टियां इसे अपनी जीत का परिचायक मान रही हैं, जबकि बीजेपी इस बात से असहमत है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि कम मतदान से विपक्ष को चिंता होनी चाहिए क्योंकि इसका मतलब है कि विपक्ष के समर्थकों में उत्साह नहीं है.

हालांकि बीजेपी के नए विज्ञापन कम मतदान की ही बात कर रहे हैं. सोमवार को एक्स पर पार्टी के हैंडल से एक वीडियो विज्ञापन पोस्ट किया गया जिसमें लोकप्रिय अभिनेत्री रूपाली गांगुली लोगों को "जाना है तो जाना है" नारे के साथ मतदान के लिए प्रेरित करती नजर आ रही हैं.

गांगुली हाल ही में बीजेपी में शामिल भी हुई थीं. विज्ञापन के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बात करते हुए वो कहती हैं, "जो इतनी मेहनत करते हैं, भागादौड़ी करते हैं हमारे लिए...तो हम उनके लिए चार कदम चल कर वोट देने तो जा ही सकते हैं ना."


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it