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लोकसभा चुनाव: शेयर कारोबारियों की सट्टा बाजार पर नजर

लोकसभा चुनावों के संभावित नतीजों पर भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता का माहौल है. नतीजों का जितना बेसब्री से इंतजार राजनीतिक दल कर रहे हैं उतना ही शेयर बाजार के ब्रोकर भी कर रहे हैं

लोकसभा चुनाव: शेयर कारोबारियों की सट्टा बाजार पर नजर
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लोकसभा चुनावों के संभावित नतीजों पर भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता का माहौल है. नतीजों का जितना बेसब्री से इंतजार राजनीतिक दल कर रहे हैं उतना ही शेयर बाजार के ब्रोकर भी कर रहे हैं.

भारतीय स्टॉक मार्केट में ट्रे़डर्स लंबे आम चुनाव के नतीजे के संबंध में निवेशकों और बाजारों के सामने आने वाली अनिश्चितता से निपटने के लिए अवैध चुनावी सट्टेबाजी प्लेटफार्मों की ओर रुख कर रहे हैं. लोकसभा चुनावों में कम मतदान प्रतिशत ने शेयर ट्रेडर्स और निवेशकों को सतर्क कर दिया है.

चुनावों के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे, लेकिन हफ्तों पहले ही शेयर बाजार से जुड़े ट्रेडर्स देश भर में फल-फूल रहे अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. पांच चरण के मतदान हो चुके हैं.

दांव लगाने वालों का अनुमान है कि सत्तारूढ़ बीजेपी बहुमत तो हासिल कर लेगी लेकिन सीटें उम्मीद से कम मिलेंगी. बीजेपी दावा करती आ रही थी वह आसानी से अपने दम पर 370 सीटें जीतेगी लेकिन कम मतदान ने शेयर कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है.

शेयर बाजार और चुनाव

मतदान शुरू होने से ठीक पहले भारत का एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर था, लेकिन कम मतदान और मतदाताओं की थकान की रिपोर्ट के कारण सत्ताधारी पार्टी की जीत के अंतर को लेकर बाजार में संदेह का माहौल पैदा हो गया.

चुनावों के पहले बीजेपी ने दावा किया था कि एनडीए गठबंधन 400 से अधिक सीटें जीतेगा. इसका एक कारण अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण बताया जा रहा था.

अब सट्टा बाजार का अनुमान है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी संसद की 543 सीटों में से केवल 300 से कम सीटें जीतेगी, ना कि 400 के करीब का प्रचंड बहुमत जिसके नारे के साथ वह चुनाव में उतरी थी.

चुनाव से पहले आखिरी ओपिनियन पोल में भविष्यवाणी की गई थी कि बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियां संसद में तीन-चौथाई सीटें जीत सकती हैं.

सतर्क हो गए निवेशक

अब स्टॉक मार्केट के ट्रेडर्स अपने पोर्टफोलियो को इसी हिसाब से समायोजित कर रहे हैं. 20 से अधिक सालों से इक्विटी बाजार में रिटेल इनवेस्टर जैमिन पटेल कहते हैं, "दूसरे क्या ट्रैक कर रहे हैं इसको देखने के लिए मैं सट्टा बाजार पर नजर रख रहा हूं."

चुनावी अनिश्चितता के बीच पटेल ने पिछले दो हफ्तों में छोटे और मिड-कैप शेयरों में अपनी पोजिशन को हल्का किया है.

विदेशी निवेशकों ने मई में भारतीय शेयरों से तीन अरब डॉलर से अधिक की बिकवाली की है. यह 2024 के पहले चार महीनों में निवेश का लगभग आधा हिस्सा है.

मुंबई में 48 साल के एक सट्टेबाज ने कहा कि बीजेपी की सीटों पर 20 करोड़ रुपये तक का दांव लगाया गया है. इस सट्टेबाज का मुंबई में एक छोटा दफ्तर है और उसने कहा कि वह इस विशाल बाजार में एक छोटा खिलाड़ी है. सट्टेबाजी का बाजार कितना बड़ा है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन देश भर में काम करने वाले कई सट्टेबाज समान रुझान देखते हैं.

कैसे काम करते हैं सटोरिए

अवैध सट्टेबाजी चलाने वाले सटोरए एग्जिट पोल पर काम करने वाले पत्रकारों की अप्रकाशित जानकारी, मतदान केंद्रों पर भीड़ और मतदाताओं से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर अपनी संभावनाएं तय करते हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे लेकिन मतदान के आखिरी चरण, 1 जून को मतदान समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल जारी होंगे.

राजस्थान के फलौदी में एक सट्टा बाजार है, जो चुनाव नतीजों के सटीक आकलन के लिए जाना जाता है. एक सट्टेबाज ने पहचान उजागर करने से इनकार करते हुए कहा सबसे लोकप्रिय दांव है कि बीजेपी कितनी सीटें जीतेगी. उसने कहा कि इस सट्टा बाजार में अन्य नतीजों पर भी दांव लगाया जा रहा है जैसे कि प्रत्येक राज्य में क्या नतीजे हो सकते हैं या हर पार्टी कितनी सीटें जीत सकती हैं.

वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी फिनकोड एडवाइजरी सर्विसेज के डायरेक्टर अमित साहिता ने कहा, "अवैध सट्टा बाजार से निकलने वाले उद्धरणों का कोई विश्लेषणात्मक आधार नहीं होता है." उन्होंने कहा, "हालांकि, निवेशक इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि इससे क्या संदेश जा रहा है."


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