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2019 का लोकसभा चुनाव राजग के बैनर तले लड़ा जाएगा:  राम विलास पासवान

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आज कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) का अटूट घटक है

2019 का लोकसभा चुनाव राजग के बैनर तले लड़ा जाएगा:  राम विलास पासवान
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चंडीगढ़। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आज कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) का अटूट घटक है तथा वर्ष 2019 का लाेकसभा इसी के बैनर तले लड़ा जाएगा।

पासवास ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर यह यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में राजग के साथ लोजपा, शिरोमणि अकाली दल, शिव सेना और कुछ अन्य राजनीतिक दल थे। ‘हम उस समय भी साथ और आगे भी साथ रहेंगे। राजग से अलग होने का सवाल ही नहीं है‘।

उन्होंने कहा कि केंद्र में अब तक वह जिन भी सरकारों के साथ रहे हैं उनमें सबसे अच्छा कार्यकाल केंद्र की मौजूदा सरकार के साथ गत चार वर्ष के दौरान रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में अब तक की सरकारों की जितनी उपलब्धियां रहीं उनसे कहीं बेहतर केंद्र की मौजूदा सरकार का लगभग गत चार के कार्यकाल में हर क्षेत्र में प्रदर्शन रहा है। शौचालयों का निर्माण, स्वच्छता, जनधन योजना, जनकल्याण, ढांचागत विकास, व्यवस्था को दुरूस्त करने सहित अनेक क्षेत्रों में इस सरकार ने अभूतपूर्व काम किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुये केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और दिन में 20 घंटे अनथक काम करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बेहतर छवि कायम की है। विदेशों में उन्हें देखने आैर मिलने के लिये हर कोई लालायत रहता है जबकि पहले जब कोई प्रधानमंत्री विदेश जाता था तो किसी को पता तक नहीं चलता था।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुये श्री पासवान ने कहा कि उनसे अपने लगभग 60 साल के शासन में दलितों के उत्थान के लिये कोई काम नहीं किया। इस पार्टी का दलितों के लिये कोई योगदान नहीं है। कांग्रेस ने यहां तक कि दलित नेता डा0 भीमराव अम्बेडकर को चुनाव में हराने का काम किया था। उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर तंज कसते हुये कहा कि वे वर्ष 2019 के चुनावों के लिये भले ही जितना जोड़ ताेड़ करें लेकिन केंद्र की सत्ता में उनके लिये कोई जगह खाली नहीं है। अलबत्ता उन्हें 2024 के लिये तैयारी करनी चाहिये। सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्हाेंने कहा कि इसमें विपक्ष बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी है।

पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार सदैव दलित हितैषी रही है। दलितों पर अत्याचार रोकने के लिये कानून को कमजोर करने में इसकी कोई भूमिका नहीं थी। यह केवल उच्चतम न्यायालय की एक व्यवस्था के कारण हुआ। लेकिन अब केंद्र सरकार भ्रम की स्थिति समाप्त करने के लिये अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न निरोधक कानून के मूल संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने के लिये एक संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को पेश करने जा रही है तथा इसका संसद के दोनों सदनों में पारित होना तय है।

उन्होंने ऊंची जाति के गरीबों के लिये भी आरक्षण की व्यवस्था करने की वकालत की तथा कहा कि केंद्र सरकार को इनके लिये कम से कम 15 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने पर विचार करना चाहिये। उन्होंने इस मौके पर ऐलान किया कि कहा कि देशभर के दलित संगठन अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून के मूल प्रावधानों को लागू करने के लिये 11 से 14 अगस्त तक देश के विभिन्न हिस्सों में रैलियां आयोजित कर प्रधानमंत्री का धन्यवाद करेंगे।


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