लोकसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित
हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार सातवें दिन भी शून्यकाल में काेई कामकाज नहीं हो सका।

नयी दिल्ली। कावेरी नदी पर बांध के निर्माण के विरोध और समर्थन में क्रमश: अन्नाद्रमुक और सत्ता पक्ष के कर्नाटक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार सातवें दिन भी शून्यकाल में काेई कामकाज नहीं हो सका।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को अवगत कराया कि विभिन्न मुद्दों पर उन्हें कार्यस्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि ये मुद्दे महत्वपूर्ण हैं लेकिन इसके लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की आवश्यकता नहीं है । इसलिए वह कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज करती हैं।
अध्यक्ष ने तत्पश्चात आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखवाये। इसके उपरांत उन्होंने शून्य काल शुरू करने की अनुमति प्रदान की तथा अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल को कावेरी नदी पर कर्नाटक सरकार द्वारा बांध निर्माण कराये जाने के मसले पर अपनी बात रखने का मौका दिया। वेणुगोपाल ने बांध निर्माण का विरोध किया। जब वह अपनी बात रख रहे थे, तभी सत्ता पक्ष के कर्नाटक के सदस्य भी अपनी सीट पर खड़े हो गये। उनके हाथों में बांध निर्माण के समर्थन में नारे लिखे पोस्टर थे।
वेणुगोपाल की बात खत्म होते ही भाजपा के प्रह्लाद जोशी को भी बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि कावेरी नदी पर बांध का निर्माण खासतौर पर पेयजल परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस पर अन्नाद्रमुक के सदस्य हंगामा करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये। इसके जवाब में सत्ता पक्ष के कर्नाटक के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गये और शोर-शराबा करने लगे।
इसी दौरान तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य भी आंध्र प्रदेश के विकास के मुद्दों को लेकर हाथों में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गये और नारेबाजी करने लगे। भारी हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने शून्यकाल में अपनी बात रखने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव और असम्बद्ध सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का नाम पुकारा। हंगामे में ही दोनों ने अपनी बातें रखीं, लेकिन हंगामा शांत न होता देख श्रीमती महाजन ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।


