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लॉकडाउन-4 : जाम से बचने को बदली जाने लगी रोड पर लगे बैरिकेड्स की जगह

लॉकडाउन-4 में मिली रियायत के बाद राजधानी की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक दबाब के चलते पुलिस जाम से बचाने की जुगत खोज चुकी है

लॉकडाउन-4 : जाम से बचने को बदली जाने लगी रोड पर लगे बैरिकेड्स की जगह
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नई दिल्ली। लॉकडाउन-4 में मिली रियायत के बाद राजधानी की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक दबाब के चलते पुलिस जाम से बचाने की जुगत खोज चुकी है। लिहाजा अब पुलिस ने लॉकडाउन-3 तक मुख्य मार्गों पर लगाये गये पुलिस पिकेट्स/बैरीकेड्स का स्थान बदलना शुरू कर दिया है। हालांकि लॉकडाउन-4 में मिली छूटों के बाद अब, राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस के लिए झपटमारी और पलायन कर रहे श्रमिकों को रोकना चुनौती भरा काम है।

मंगलवार को आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ताज हसन ने माना, "लॉकडाउन-4 के पहले और दूसरे दिन राजधानी की सड़कों पर यातायात का दबाब बढ़ा है। एक अनुमान के मुताबिक सुबह आठ से साढ़े ग्यारह और शाम पांच से सात बजे के बीच 18 व 19 मई 2020 को यह दबाब 60 से 70 फीसदी तक बढ़ा हुआ पाया गया।"

ट्रैफिक के बढ़ते दबाब के बाद भी राजधानी का ट्रैफिक सामान्य रुप से चलता रहे फिलहाल सिविल पुलिस (थाने-चौकी की पुलिस) के लिए चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए हालांकि दिल्ली पुलिस ने तमाम रणनीतियां बनायी हैं। इन पर अमल भी सोमवार यानि लॉकडाउन-4 के पहले दिन से ही शुरू कर दिया गया।

दक्षिणी परिक्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, "सुरक्षा और यातायात सामान्य बनाये रखना हमारी प्राथमिकता है। वाहनों के आवागमन के बढ़ने से बैरीकेड्स/ पुलिस पिकेट्स पर कुछ समय के लिए भीड़ लग रही है। इसके लिए हमने पुलिस पिकेट्स और बैरीकेड्स की "री-पोजीशनिंग" करना शुरू किया है। हमें ट्रैफिक भी स्मूथ रखना है। साथ ही हम चाहते हैं कि, आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पुलिस से बच भी न पायें। लिहाजा हम कुछ चुनिंदा मेन रोड से बैरीकेड्स और पुलिस पिकेट को थोड़ा बहुत इधर उधर शिफ्ट कर दे रहे हैं।"

ज्वाइंट कमिश्नर डीसी श्रीवास्तव ने आगे कहा, "ट्रैफिक स्मूद रखने के वक्त हमें यह भी देखना है कि, कहीं पलायन करने वाले श्रमिक किसी तरह से पुलिस की नजरों से बचकर न निकल जायें। हमारी जिम्मेदारी है कि पलायन कर रहे श्रमिकों को रोककर उन्हें ठहराने की और उनके खानपान का इंतजाम करने की। ताकि वे वेबजह ही राजधानी में इधर उधर परेशान न होते घूमें। लिहाजा ऐसे में सड़क से एकदम शत-प्रतिशत पुलिस पिकेट, बैरीकेड्स तो हटाना नामुमकिन है। हां कोशिश है कि किसी को परेशानी न हो।"

पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने मंगलवार रात आईएएनएस से कहा, "लॉकडाउन-4 में मिली छूट को ध्यान में रखते हुए हमने पुलिस बैरीकेड्स पिकेट्स की जगह बदलना शुरू कर दी है। पहले हम लॉकडाउन लागू करवाने के लिए हिसाब से काम कर रहे थे। अब बदले हुए हालातों में हमने भी अपनी सड़क पर मौजूद पुलिस पिकेट्स लगाने की रणनीति में आमूल-चूल परिवर्तन किया है।"

शालिनी सिंह ने कहा, "अब हम सड़क पर पिकेट लगाने के वक्त यह भी देख रहे हैं कि, किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देकर या फिर कोई संदिग्ध व्यक्ति अथवा वाहन बैरीकेट या पुलिस पुलिस पिकेट पार न कर जाये।"

शालिनी सिंह ने आगे कहा, "लॉकडाउन-4 में मिली छूट के चलते वाहनों और पब्लिक की आवाजाही सड़क पर बढ़ी है। इसके चलते आमजन की भीड़ बढ़ना भी स्वाभाविक है। ऐसे में अब हम पिकेट लगाते वक्त इसका भी ध्यान रख रहे हैं कि पलायन करने वाले को श्रमिक धोखे से हमारी किसी भी पिकेट से पार न होने पाये।"

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पश्चिमी परिक्षेत्र शालिनी सिंह के मुताबिक, "बदले मौजूदा हालातों में हमने हरियाणा बार्डर से लगी पिकेट्स और बैरीकेड्स लगाने की रणनीति में भी बदलाव किये हैं। बॉर्डर पिकेट्स लगाने के वक्त हम इसका ध्यान रख रहे हैं कि, अपराधी हमारी पुलिस पिकेट्स से न निकल सके। साथ ही बार्डर क्रॉस करके कोई श्रमिक न दूसरे का हमारे इलाके में आ पाये न ही हमारे इलाके का श्रमिक दूसरे की सीमा में जा सके।"

लॉकडाउन-4 में मिली छूट के बाद बढ़ी भीड़ के चलते अपराध और अपराधी भी समाज में दस्तक देने लगे होंगे? पूछने पर शालिनी सिंह ने कहा, "अभी ऐसा कुछ विशेष नहीं है। एक दो कोई छोटी-मोटी झपटमारी की कॉल आयी हो तो आयी हो, वरना पुलिस की सड़क पर मौजूदगी के चलते अभी तक तो ऐसे कुछ नहीं हुआ है। हालांकि हमने लॉकडाउन-4 में अपराधियों को घेरने के नजरिये से भी पिकेट्स पुलिस बैरीकेड्स लगाने शुरू कर दिये हैं।"


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