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एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से एनएमआरसी नहीं उठा रही लोन की रकम

नोएडा, ग्रेटरनोएडा मेट्रो के लिए प्राधिकरण ने अपनी एफडी तक गिरवी रख दी

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से एनएमआरसी नहीं उठा रही लोन की रकम
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नोएडा। नोएडा, ग्रेटरनोएडा मेट्रो के लिए प्राधिकरण ने अपनी एफडी तक गिरवी रख दी। एफडी इसके चलते एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने एनएमआरसी को लोन सेंक्शन भी कर दिया।

बावजूद एनएमआरसी प्लानिंग बोर्ड से लोन का पैसा नहीं उठा रही। वजह क्या है यह जानने के लिए प्राधिकरण ने एनएमआरसी को पत्र लिखा है। ताकि प्रत्येक माह एफडी पर दिए जाने वाले कमीशन को बचाया जा सके।

29.7 किलोमीटर लंबी नोएडा से ग्रेटर नोएडा मेट्रो के लिए 5500 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इसका सिविल कार्य पूरा किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। मेट्रो के लिए शासन को पांचवी बार प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। यह प्रस्ताव शासन स्तर से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जिसके बाद केंद्र एनएमआरसी को 970 करोड़ रुपए देगा। इधर एनएमआरसी ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से पैसा लेने के लिए लोन के लिए आवेदन किया था।

लोन के लिए जमानत के तौर पर प्राधिकरण ने अपनी 550 करोड़ की एफडी प्लानिंग बोर्ड में जमा की। जिसका प्रतिमाह कमीशन प्राधिकरण प्लानिंग बोर्ड में जमा कर रहा है। एनएमआरसी को प्लानिंग बोर्ड की तरफ से लोन सेंशन हो चुका है। लेकिन वह पैसा नहीं उठा रहा। इसका खामियाजा प्राधिकरण को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि अब वह एफडी वापस लेकर अपनी जमीन गिरवी रखेगा। ताकि प्रत्येक माह दिए जाने वाले कमीशन से बचा जा सके।

साथ ही प्राधिकरण ने एनएमआरसी से पूछा है कि वह एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से लोन की रकम क्यों नहीं उठा रहा है। गौरतबल है कि अप्रैल 2018 में मेट्रो शुरू होने के बाद करीब 2 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। 2031 तक यह राइडर शिप करीब 4 लाख होगी।

लिहाजा मेट्रो का निर्माण भी इसी राइडर शिप के आधार पर किया जा रहा है। वहीं, हाल ही में हुई बैठक में एनएमआरसी में मेट्रो संचालन के लिए करीब 59 अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह नियुक्ति प्रतिनियुक्ति के आधार पर होगी या नई भेर्ती की जाएंगी। इस पर मंथन जारी है।


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