प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह के गठबंधन पर एलजेपी (आर) सांसद अरुण भारती का तंज, कहा-आशा पार्टी अब बन गई है, निराशा पार्टी
बिहार में प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह के गठबंधन पर एलजेपी (आर) सांसद अरुण भारती ने कहा कि आरसीपी सिंह ने आशा पार्टी बनाई थी, जोकि निराशा पार्टी बन गई थी और अब तमाशा पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि वह प्रशांत किशोर के साथ गए हैं शायद यह सोचकर की उनकी प्रासांगिकता वहां बन जाए

पटना। बिहार में प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह के गठबंधन पर एलजेपी (आर) सांसद अरुण भारती ने कहा कि आरसीपी सिंह ने आशा पार्टी बनाई थी, जोकि निराशा पार्टी बन गई थी और अब तमाशा पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि वह प्रशांत किशोर के साथ गए हैं शायद यह सोचकर की उनकी प्रासांगिकता वहां बन जाए।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने रविवार को जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। आरसीपी सिंह को प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी की सदस्यता दिलाई।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान एलजेपी (आर) सांसद अरुण भारती ने कहा कि कोई भी बिहार का बेटा अगर बिहार में काम करना चाहता है तो उसका स्वागत है। जिस तरह से आरसीपी सिंह एक समय में बड़े नेता बनते थे और उनकी प्रशांत किशोर से नहीं बनती थी। अब जाकर प्रशांत किशोर के सामने नतमस्तक हो गए हैं, उनकी लीडरशिप मानने के लिए तैयार हैं, तो इसके लिए शुभकामनाएं हैं।
प्रशांत किशोर के कल्याण बिगहा में अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार पर उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी अफसर के साथ अभद्रता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने किस परिस्थति में ऐसा किया मुझे नहीं पता। लेकिन, अधिकारियों के साथ और जिम्मेदारी के पद पर जो बैठे हैं उनके साथ समन्वय बनाकर बातचीत से समस्याओं को सुलझा लें तो बेहतर होगा।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए विदेश जा रहे सांसदों के डेलिगेशन में टीएमसी के सांसद यूसुफ पठान का नाम भी शामिल था। लेकिन, यूसुफ पठान ने जाने से मना कर दिया है। माना जा रहा है कि टीएमसी के निर्देश पर यूसुफ ने ऐसा किया है। एलजेपी (आर) सांसद अरुण भारती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय का यह कर्तव्य बनता है कि भारत का पक्ष रखे, ऐसे में टीएमसी ने जो यूसुफ पठान का नाम वापस लिया है, यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इसका विरोध होना चाहिए। देश का पक्ष रखने के लिए किसी भी पार्टी का सांसद जा रहा था,चाहे वह पक्ष का हो या विपक्ष का। ऐसे में टीएमसी का यूसुफ पठान का नाम वापस लेना देशहित में नहीं है।


