Top
Begin typing your search above and press return to search.

तेजस्वी ने एसआईआर के विरोध में विपक्ष के 35 बड़े नेताओं को लिखा पत्र

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में विपक्ष के 35 नेताओं को पत्र लिखा है

तेजस्वी ने एसआईआर के विरोध में विपक्ष के 35 बड़े नेताओं को लिखा पत्र
X

पटना। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में विपक्ष के 35 नेताओं को पत्र लिखा है।

लिखे गए पत्र की कॉपी सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने कैप्शन में लिखा है, "बीजेपी सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में मतदान के अधिकार एवं लोकतंत्र पर किए जा रहे हमले के विरुद्ध देश की विभिन्न पार्टियों के 35 बड़े नेताओं को पत्र लिखा। हम सब मिलकर इस प्रक्रिया का तब तक विरोध करेंगे जब तक यह पारदर्शी एवं समावेशी नहीं हो।"

उन्होंने जिन नेताओं को पत्र लिखा है, उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अखिलेश सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा है, "बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण का तमाशा और त्रासदी बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करके लोकतंत्र की नींव हिला रही है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कैसे भारतीय चुनाव आयोग जैसी 'स्वतंत्र संस्था' हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता में जनता के विश्वास को खत्म करने पर अड़ी हुई है। इस देश का हर व्यक्ति, चाहे उसकी पृष्ठभूमि या स्थिति कुछ भी हो, अपने वोट पर गर्व करता है। देश के शासन में भाग लेने की क्षमता अत्यंत सशक्त बनाती है।"

उन्होंने आगे लिखा कि लाखों मतदाताओं को, बिना किसी गलती के, अधिकारहीन और अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि 16 जुलाई को चुनाव आयोग ने प्रेस नोट में कहा कि लगभग 4.5 प्रतिशत आबादी 'अपने पते पर मतदाता नहीं मिलने' के नाम पर पहले ही मतदान से बाहर हो चुकी है। यह उन चार प्रतिशत लोगों के अतिरिक्त है जो "संभवतः" मर चुके हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। इन आंकड़ों के आधार पर अनुमान है कि मताधिकार से वंचित लोगों की संख्या 12 से 15 प्रतिशत के बीच है। यह हमारे देश के इतिहास में अभूतपूर्व है।

तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में आगे लिखा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा है कि चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया की घोषणा और क्रियान्वयन बेतरतीब और मनमानी तरीके से करके खुद के लिए कोई उपकार नहीं किया है। वे पारदर्शी नहीं हैं। वे अपने नियम बना और तोड़ रहे हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि वे पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करने वाले हर व्यक्ति को निशाना बना रहे हैं।

राजद नेता तेजस्वी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि उसका अनुभव अभी भी हमारी स्मृतियों में ताजा है। हालांकि, हम अभी भी चुनाव आयोग से एक नेक नियती और ठोस प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब बिहार की बारी है।

उन्होंने पत्र के अंत में लिखा, "इसका यथासंभव कड़े शब्दों में विरोध किया जाना चाहिए। क्योंकि अगर हम अपनी आवाज नहीं उठाएंगे और अपना कड़ा विरोध दर्ज नहीं कराएंगे, तो यही दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा। संविधान की मांग है कि हम गणतंत्र की रक्षा करें। हमें इस ऐतिहासिक मोड़ पर पीछे नहीं रहना चाहिए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it