कृषि विज्ञान केन्द्र भाटापारा में प्रधानमंत्री के उद्बोधन का सीधा प्रसारण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मथुरा में 'कृषि आरोग्य मेला 2019 का उद्घाटन किया गया जिसका सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र, भाटापारा में सैकड़ों कृषकों के सम्मुख किया गया

भाटापारा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मथुरा में 'कृषि आरोग्य मेला 2019 का उद्घाटन किया गया जिसका सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र, भाटापारा में सैकड़ों कृषकों के सम्मुख किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मथुरा के दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विष्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान में आयोजित पशुधन आरोग्य मेले में शामिल होकर कई जन उपयोगी कार्यक्रमों की शुरूवात की। पी. एम. मोदी ने इस मौके पर पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम लांच किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य पशुओं के पैरों और मुंह की बीमारियों और ब्रुसेलोसिस को मिटाना है। कान्हा की नगरी से कृषि विज्ञान केन्द्र में उपस्थित समस्त कृषकों को संबोधित करते हुए पी. एम. मोदी ने कहा आज पूरा विष्व पर्यावरण संरक्षण के लिए रोल मॉडल ढूंढ रहा है लेकिन भारत के पास श्री कृष्ण जैसा प्रेरणा स्त्रोत हमेषा से रहा है जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है।
प्रकृति, पर्यावरण एवं पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे अराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी ज्यादा कमाई कराता है। पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेेकर डेयरी प्रोडक्ट की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं।
दुधारू पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिषन शुरू किया गया और इस वर्ष देष में पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुुआ। इस नये एप्रोच का परिणाम है कि 5 साल के दौरान दूध उत्पादन में करीब 7 प्रतिषत की वृद्धि हुई है। किसानों , पशुपालकों की आय में करीब 13 प्रतिषत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पशुधन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है कि सरकार के 100 दिनों में जो बड़े फैसले लिए गए, उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा हुआ है। इस अभियान को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरूवात की गई है।
इस टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 51 करोड़ गाय, भैंस, भेंड़, बकरी और सुअरों को साल में 2 बार टीके लगाए जायेंगे। जिन पशुओं का टीकाकरण पूर्ण हो जाएगा, उन्हे पशु आधार देकर उनके कानों में टैग लगाया जाएगा।
माननीय प्रधानमंत्री के उद्बोधन के सीधा प्रसारण के पश्चात केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अंगद सिंह राजपूत ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि भाटापारा में दुग्ध उत्पादक कृषकों की संख्या वृहद है एवं बनाने हेतु पशुपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन एवं बकरी पालन का भी समावेष करना होगा।
पशुपालन के लिए नस्लों का चुनाव करते समय वहां की जलवायु सामाजिक एवं आर्थिक परिवेष पर ध्यान देना आवश्यक है। इस अवसर पर केन्द्र के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन केन्द्र के कार्यक्रम सहायक, दीपकला ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन कर किया।


