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लिऊ जियाबो का अंतिम संस्कार किया गया

वर्ष 2010 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता चीनी नागरिक लिऊ जियाबो का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया और अब उनकी पत्नी मुक्त है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है

लिऊ जियाबो का अंतिम संस्कार किया गया
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शेेनयांग। वर्ष 2010 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता चीनी नागरिक लिऊ जियाबो का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया और अब उनकी पत्नी मुक्त है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

इस बीच चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने दिवंगत जियाबो के खिलाफ बहुत ही अशोभनीय टिप्पणी करते हुए उन्हें “तिरस्कृत अपराधी” तक कह दिया कि वह चीनी समाज का हिस्सा नहीं थे।

शेनयांग शहर के सूचना अधिकारी झांग किंगयांग ने संवाददाताओं को बताया कि जियाबो का उनके परिजनों की इच्छा के अनुरूप धार्मिक परंपराअों से अंतिम संस्कार कर दिया गया है और इस मौके पर उनकी पत्नी भी माैजूद थी तथा उन्हें श्री जियाबों के अवशेष सौंपे गए हैं।

झांग ने कहा कि जहांं तक उनकी जानकारी है तो लिऊ जिया अब मुक्त है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इस समय वह कहां हैं। उन्होंने बताया“ हम लिऊ जिया को अब और परेशानी में नहीं देखना चाहते हैं और मेरा मानना है कि संबंधित विभाग, कानून के तहत उनके अधिकारों की रक्षा करेगा।

” इस बीच सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है “ वह एक भम्रित ,नौसिखिए और अंहकारी व्यक्ति थे जो समाज की मुख्य धारा से पूरी तरक कट गए थे और इसी वजह से अतीत का हिस्सा ,राजनीतिक प्रदर्शनकारी और विरोधी बन गए थे। उनके प्रभाव से चीनी देशभक्ति के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ अौर चीन की स्थिरता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था।

यही वजह थी कि चीनी समाज उनका विरोध करता था और उन्हें तिरस्कृत कर दिया गया था।” गौरतलब है कि लिऊ काे वर्ष 2009 में एक कथित भड़काऊ लेख लिखने के आरोप में 11 साल कैद की सजा सुनाई गई थी और उनकी पत्नी को चीन सरकार ने नजरबंद कर दिया था।

जियाबों को लीवर कैेंसर था और गुरूवार काे उनका निधन हो गया था । कैंसर की अंतिम अवस्था में भी चीन सरकार ने उन्हें रिहा करने के बजाए सिर्फ मेडिकल पैरोल पर अस्पताल में भेजा था। उनकी रिहाई को लेकर अमेरिका ,ब्रिटेन ,जर्मनी और कईं देशों ने चीन सरकार पर काफी दबाव डाला था जिसे चीन सरकार ने अपने आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताते हुए कहा था कि इन देशों को इस मामले में कुछ भी नहीे कहना चाहिए और सरकार अपनी जिम्मेदारी को निभाना बेहतर तरीके से जानती है।


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