मुकदमें दर्ज कई हजार करोड़ बकाया
आम्रपाली के खिलाफ अकेले बिसरख थाना क्षेत्र में 2000 हजार खरीदारों ने 13 से ज्यादा मुकदमें दर्ज है

नोएडा। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का खरीदारों न स्वागत किया है। खरीदारों को आस है कि अब उनके सपनों का आशियाना उन्हें मिल सकेगा। लेकिन इसके लिए अभी उनको इंतजार करना होगा।
आम्रपाली के खिलाफ अकेले बिसरख थाना क्षेत्र में 2000 हजार खरीदारों ने 13 से ज्यादा मुकदमें दर्ज है। वहीं जनपद की दो प्राधिकरण के चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
दरअसल, आम्रपाली का नोएडा व ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण पर करीब 4000 करोड़ रुपए बकाया है। यह रकम निरंतर ब्याज के साथ बढ़ती जा रही है। इसको लेकर दोनों ही प्राधिकरण में हलचल है।
वह विधि विभाग से सलाह मशवरा कर रहे है। ताकि बकाया रकम प्राधिकरण के खातों में आ सके।
जनपद में आम्रपाली के करीब 20 परियोजना है।
जिसमे 45 हजार खरीदारों का पैसा लगा हुआ है। अब तक इन परियोजनाओं के तहत बनाए जा रहे फ्लैटों पर खरीदारों को कब्जा मिल जाना चाहिए था।
अधिकांश परियोजनाओं की शुरुआत 2007 से 2010 के बीच हुई। बुकिंग के दौरान परियोजना 10 से 20 प्रतिशत तक पैसा लिया गया।
इसके बाद खरीदारों अब तक फ्लैटों का 90 से 95 प्रतिशत पैसा जमा कर चुके है। करीब 8 साल इंतजार के बाद खरीदारों को अपना आशियना नहीं मिल सका।
लिहाजा आम्रपाली के खिलाफ खरीदारों ने मोर्चो खोलते हुए शहर के विभिन्न थानों में धोखाधड़ी के एवज में मुकदमा दर्ज कराया गया। बिसरख, कोतवाली सेक्टर-58, 49, 39 में आम्रपाली के खिलाफ कई दर्जन मुकदमें दर्ज है।
यहां से काम नहीं चलने व कार्यवाही नहीं होने पर आम्रपाली के करीब 700 खरीदारों ने सर्वोच्च न्यायालय का सहारा लिया। लिहाजा लगातार चल रही सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आम्रपाली के निदेशकों को फटकार लगाई।
यही नहीं परियोजनाओं की ऑडिट रिपोर्ट तक सबमिट करने के लिए आदेश दिया गया।
लेकिन आम्रपाली के निदेशक हर बार न्यायालय की आंखो में धूल झोंकने का प्रयास करता रहा। लिहाजा अदालत ने आम्रपाली के तीन निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया।
16 संपत्तियां जिनको किया जा सकता है नीलाम
आम्रपाली बिल्डर व खरीदार के वकीलों ने नीलामी के लिए जिन 16 संपत्तियों की लिस्ट सर्वोच्च न्यायालय को दी थी। उनमे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 7 परियोजना भी शामिल हैं। इन्हें बेचकर अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए रकम जुटाई जाएगी। लेकिन इनके सेकेंड फेज की जमीन अभी खाली है। ऐसे में इनकी नीलामी की जा सकती है। उन्होंने नीलामी के लिए प्रस्तावित 16 संपत्तियों की सूची भेजी है बताया गया इन 16 सूची में किसी थर्ड पार्टी का कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
पुलिस ने आम्रपाली के निदेशकों को हिरासत में लिया
नोएडा। आम्रपाली समूह के खिलाफ नियमित सुनवाई कर रहे सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा समेत, तीन निदेशकों को 46 कंपनियों की ऑडिट रिपोर्ट न देने पर गौतमबुद्वनगर जिला पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश कर दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी मिलते ही दोपहर बाद नोएडा की एसपी सिटी सुधा सिंह, सीओ फर्स्ट अवनीश कुमार व थाना सेक्टर-39 प्रभारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। जहां आम्रपाली कंपनी के सीएमडी अनिल शर्मा, एमडी सुप्रिया व अजय कुमार को अपनी हिरासत में ले लिया। मालूम हो कि सर्वोच्च न्यायालय आम्रपाली समूह में हुई वित्तीय अनियमितताओं की फॉरेंसिक जांच करा रहा है।
इसके लिए बिल्डर को ऑडिटर्स को संबंधित दस्तावेज सौंपने थे। बिल्डर की तरफ से दस्तावेज सौंपने में लगातार आनाकानी की जा रही थी। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने आम्रपाली समूह को चेतावनी देते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय से लुकाछिपी का खेल न खेलें। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर की तरफ से कोर्ट में पेश वकील गौरव •ााटिया से सख्त लहजे में पूछा कि अब तक उन्होंने ऑडिटरों को फॉरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेज क्यों उपलब्ध नहीं कराए। अब जब तक दस्तावेज नहीं दिए जाते है तब तक तीनों निदेशक पुलिस पुलिस की हिरासत में रहेंगे।
मालूम हो कि आम्रपाली समूह सुप्रीम कोर्ट को लगातार गुमराह करने का प्रयास कर रहा था। इससे नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा समेत अन्य निदेशकों को जेल की चेतावनी दे चुका था।


