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सुपर बाजार से शराब का ठेका बंद

 कैंप रजवाहे के पास बनी नगर परिषद की सुपर बाजार की चार दुकानों में खुला शराब का अवैध ठेका आखिर कार दुकानदारों की 8 महीने की एकता के बाद बंद हो ही गया

सुपर बाजार से शराब का ठेका बंद
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पलवल। कैंप रजवाहे के पास बनी नगर परिषद की सुपर बाजार की चार दुकानों में खुला शराब का अवैध ठेका आखिर कार दुकानदारों की 8 महीने की एकता के बाद बंद हो ही गया। दुकानदारों ने राहत की सांस ली है।

अगर दुकानदार चाहते हैं उन चार दुकानदारों पर नगर परिषद कार्रवाई करे जिन्होंने कानून ताक पर रखकर ठेका खुलवाया और नगर परिषद को चूना भी लगाया। दुकानदारों को सबक सिखाने के लिए बाजार के कुछ दुकानदार सीएम विंडो का सहारा लेने की योजना बना रहे है। नगर परिषद जब किसी को दुकान किराए पर देता है।

तो उससे लिखित एग्रीमेंट किया जाता है कि किराएदार किसी भी सूरत में दुकान में किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ नहीं बेचेगा और न ही बनाएगा। अगर ऐसा करता पाया गया तो नगर परिषद को अधिकार है कि वो बिना नोटिस दिए दुकान खाली करवा सकता है। सुपर बाजार में नगर परिषद की 50 से भी अधिक दुकानें है और इसी बाजार में चार दुकानदारों ने आपस में मिलकर शराब के एक ठेकेदार को ऊंचे दामों पर अपनी अपनी किराए की दुकान दे दी जिस कारण ये अवैध शराब का ठेका 8 महीने तक चला। इन दुकानदारों ने न केवल नगर परिषद से हुआ करार की अवहेलना की बल्कि ठेकेदार से मोटी किराए की रकम लेकर नगर परिषद को चूना भी लगाया।

दुकानदार चाहते है कार्रवाई

अवैध शराब का ठेका बंद होने के बाद अब दुकानदार उन चारों दुकानदारों पर कार्रवाई चाहते हैं जिनके कारण बाजार का न केवल माहौल बिगड़ा बल्कि बाजार पूरी तरह बर्बाद हो गई। इतना ही नहीं इन चार दुकानदारों के कारण ही गरीब राजपूतों को कानून अपने हाथ में लेना पड़ा और उनके खिलाफ मुकदमें भी बने।

बाजार के दुकानदार इनके खिलाफ कार्रवाई चाहते है और नगर परिषद से मांग करते है कि वे इन चारों दुकानदारों पर कार्रवाई करे और इनसे ठेकेदार द्वारा लिया गया नाजायज किराया वसूल करे और इनसे दुकाने खाली करवाये। इस बारे बाजार के कुछ दुकानदार सक्रिय हो गए है और जानकारी मिली है कि पहले नगर परिषद पर कार्रवाई के लिए दवाब बनाया जाएगा अगर नप ने कोई कार्रवाई नहीं की तो सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

दुकानदार पार्षदों से भी नाराज

सुपर बाजार के दुकानदार इस ठेके को लेकर चार पार्षदों से भी नाराज है जो आठ महीने तक अपनी आंखें बंद किए रहे और राजपूतों पर मुकदमे बनने के बाद भी उनकी कोई सहायता नहीं की बल्कि ठेकेदार की पैरवी करते नजर आए। जिस स्थान पर यह अवैध ठेका था उसी के पास नगर परिषद की उपाध्यक्षा आशा पोसवाल का निवास है और उनके पति विजय पोसवाल रोजाना अपनी गाड़ी से इसी ठेके के पास से गुजरते रहे परन्तु अपनी आंखें बंद कर लेते है। पार्षद ईशा ग्रोवर भी इसी ठेके से थोड़ी दूर रहती है उनके पति ठेके के खिलाफ आवाज उठाने की बजाय दुकानदारों को सलाह देते थे कि वे सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज कराए।

पार्षद संजय छाबडा ने एक बार इस ठेके की आवाज नगर परिषद की बैठक में उठाई थी परन्तु बाद में उन पर क्या दवाब आया पता नही बाद में वे भी इस ठेके के बारे में चुप्पी साध गए है। हाल ही में मनोनित पार्षद बने लव कुमार धीगंडा के बारे में कहा जाता है कि वो कैंप के लोगों की आवाज नगर परिषद में जोर शोर से उठाते है परन्तु अपने ही घर के पास बने इस अवैध शराब के ठेके पर वे भी चप्पी साध गए और इसे लाइसेंसी ठेका जोर शोर से बताते रहे।

क्या कहते है नेता व अधिकारी-

अब आप इन नेताओ की भी सुन लो मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला कहते है मेरे संज्ञान में यह ठेका देर से आया और मैने इसे गंभीरता से लिया जिसका परिणाम है कि आज ठेका बंद हो गया है। नगर परिषद की अध्यक्षा इंदू भारद्वाज कहती है कि हमने ठेकेदार को दो बार नोटिस जारी कर दिया है और उन्हे ठेका बंद करने के आदेश दिए है और ठेकेदार ने हमारी बात मानकर ठेका बंद कर दिया है।

जब उनसे पूछा गया उन चार दुकानदारो पर कार्यवाही कब होगी जिन्होने नियमो को ताक पे रखकर ठेकेदार को यह सुविधा दी उस पर श्री मति भारद्वाज चुप्पी साध गई।


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