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बिहार में शराबबंदी बस नाम की, पहले से ज्यादा लोग पी रहे शराब : मांझी

बिहार में सत्तारूढ महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एकबार फिर राज्य में शराबबंदी को बेकार बताया है

बिहार में शराबबंदी बस नाम की, पहले से ज्यादा लोग पी रहे शराब : मांझी
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पटना। बिहार में सत्तारूढ महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एकबार फिर राज्य में शराबबंदी को बेकार बताया है।

उन्होंने कहा कि कहने को तो राज्य में शराबबंदी है, लेकिन पहले से अधिक लोग शराब पी रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा दिया कि आधे से ज्यादा नेता शराब पीते हैं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि ये लोग रात में शराब पीते हैं।

मांझी ने कहा कि हम ही नहीं और भी लोग हैं जो यह कहते हैं कि इन लोगों में 50 से 60 प्रतिशत ऐसे हैं जो समय पर पीते हैं। रात में पीते हैं और स्त्री-पुरुष दोनों पीते हैं। लोग नहीं देखता हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों से भी हम यही कहते हैं कि उनसे सीख लो।

उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल साइंस भी कहता है कि शराब अगर लिमिट में पिया जाए तो यह अच्छी चीज है। लाभदायक है।

मांझी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि बिहार में बस नाम की शराबबंदी है, लोग पहले से ज्यादा शराब पी रहे हैं। उन्होंने बिना किसी के नाम लिए कहा कि जब कोई सुने तब न। कोई सुनने की स्थिति में रहेगा तब तो किसी को हम अपनी बात सुना सकते हैं।

मांझी ने कहा वे इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते। उन्होंने नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए कहा कि 18 सालों से मुख्यमंत्री है। उनकी सोच यह है कि वह अच्छा काम कर रहे हैं इसलिए 18 सालों से सीएम है। ऐसे में वह दूसरों की बात क्यों सुनेंगे।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी मांझी ने शराबबंदी को लेकर शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था। उन्होंने सारण में शराब से हुई लोगों की मौत पर उनके परिजनों को मुआवजा देने के संबंध पर पूछने पर कहा था कि मिला परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना।

गौरतलब है कि मांझी प्रारंभ से ही शराबबंदी कानून के विरोध में बोलते रहे हैं।


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