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भाजपा के विकास और निवेश की तरह इनकी जांच और इलाज भी कागजी : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने एक एक्स-रे का वीडियो जारी कर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के विकास और निवेश की तरह इनकी जांच और इलाज भी कागजी ही है

भाजपा के विकास और निवेश की तरह इनकी जांच और इलाज भी कागजी : अखिलेश यादव
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने एक एक्स-रे का वीडियो जारी कर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के विकास और निवेश की तरह इनकी जांच और इलाज भी कागजी ही है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा, "यह भाजपा के कुशासन का एक्स-रे है। भाजपा के विकास और निवेश की तरह इनकी जांच और इलाज भी कागज़ी ही है। यह गंभीर जांच का विषय है कि कहीं ये असंभव कागजी एक्स-रे किसी और के मूल एक्स-रे की फ़ोटोकॉपी तो नहीं, इसे किसी और का बताकर केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही हो और गलत चिकित्सा-उपचार भी किया जा रहा हो। तुरंत जांच पर जांच बैठाई जाए, और सच्ची रिपोर्ट बाहर लाई जाए।"

वीडियो के नीचे कैप्शन में लिखा है कि योगी जी के शासन में कमाल की एक्स-रे रिपोर्ट कागज में दी जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को हिदायत देते हुए कहा कि इधर-उधर की राजनीति छोड़कर अपने मंत्रालय पर ध्यान दें।

कागज में एक्स-रे की रिपोर्ट सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज की बताई जा रही है, जो कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसके पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने 'एक्स' पर एक वीडियो शेयर किया और लिखा, 'क्या आपने कभी कागज के पन्ने पर एक्स-रे फिल्म ली है? नहीं तो सुल्तानपुर के मेडिकल कॉलेज में आइए, यहां कई सालों से कागज के पन्ने पर एक्स-रे मिलता है। कोई नियमित रेडियोलॉजिस्ट भी मेडिकल कॉलेज में नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली फर्जी भाषणों से दूर नहीं होगी। भाजपा मतलब बर्बादी।'

इसके अलावा सपा मुखिया ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि भाजपा में जो लोग अपने समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किए जाने के बाद उपेक्षित किए जाने के ‘साक्षी’ हैं, वे जब सच्चे मन से बोलते हैं तो सच ही बोलते हैं। उनके बयान और भाषण भाजपा को अंतिम चुनौती नहीं हैं बल्कि भविष्य का उद्घोष हैं क्योंकि वे भी जानते हैं कि ‘पीडीए’ ही उनका स्वाभाविक और स्थायी पड़ाव है, जहां हर पीडीए से सच्चा लगाव है। बाकी क्या कहना, वे स्वयं और उनका समाज स्वयं ही अपने मान-सम्मान को लेकर बेहद जागरूक, सक्रिय और समझदार है। थोड़े लिखे को ज्यादा समझिएगा।


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