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जम्मू-कश्मीर में जनजीवन अभी भी बुरी तरह प्रभावित

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो भागों में विभाजित करने के प्रावधान किये जाने के करीब एक माह बाद भी घाटी में जनजीवन अभी भी बुरी तरह प्रभावित

जम्मू-कश्मीर में जनजीवन अभी भी बुरी तरह प्रभावित
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो भागों में विभाजित करने के प्रावधान किये जाने के करीब एक माह बाद भी घाटी में जनजीवन अभी भी बुरी तरह प्रभावित है।

दूरसंचार के साधन लैंडलाइन फोन, इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा बहाल नहीं होने से लोगों को एक दूसरे से संपर्क बनाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। पिछले सप्ताह प्रशासन के 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई फिर शुरू करने के फैसले के बाद भी छात्र विद्यालय से दूर बने हुए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार धारा 144 के तहत पाबंदियों के बावजूद लोगों की आवाजाही और यातायात आवागमन पर किसी पर की रोक नहीं है। निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से चार या इससे अधिक लोग एक स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकते हैं। कानून और व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर घाटी के कुछ क्षेत्रों में यह व्यवस्था लगातार जारी है।

सूत्रों ने बताया कि नाटीपोरा और कुछ अन्य स्थानों पर पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर घाटी में कमोबेश स्थिति शांतिपूर्ण हैं। पत्थरबाजी से कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है।

सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू.कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का एलान किया था। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कारोबारी प्रतिष्ठान और दुकानें बंद हैं। किसी भी संगठन के हड़ताल का आह्वान नहीं किए जाने के बावजूद सड़कों पर वाहन नजर नहीं आये। सुबह के समय कुछ दुकानें और सड़क के पास के खोखे जहां मुख्य रूप से सब्जियां, फल और रोजमर्रा के अन्य सामान उपलब्ध रहते हैं, वहां सुबह छह बजे से नौ बजे तक कारोबार सामान्य रूप से और ऊपरी इलाकों में सिविल लाइंस तथा बाहरी इलाकों में गतिविधियां अच्छी नजर आईं।

सिविल लाइंस और ऊपरी शहर के कुछ क्षेत्रों में दुपहिया समेत निजी वाहनों का आवागमन खासी तादाद में नजर आया। श्रीनगर शहर के निचले क्षेत्रों में वाहनों की संख्या कम दिखी।

ऐतिहासिक लाल चौक समेत सिविल लाइंस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती अच्छी थी जिससे कि शहर के मुख्य केंद्र में किसी प्रकार का धरना-प्रदर्शन रोका जा सके।

ऐतिहासिक जामिया मस्जिद बंद रही। सुरक्षा बल क्षेत्र में गश्त लगाते नजर आये। जामिया मस्जिद में पांच अगस्त से लगी पाबंदियों की वजह से नमाज नहीं हुई है। मीरवाइज और हुर्रियत काफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी घर में नजरबंद रहे।
श्रीनगर और शेरे कश्मीर की सभी मुख्य सड़कों पर स्थित बैंक और सरकारी कार्यालय बंद रहे।

कुछ क्षेत्रों में लैंडलाइन फोन सेवा शुरू होने पर लोग श्रीनगर के उपायुक्त कार्यालय पहुंचे जिससे कि वे अपने रिश्तेदारों को फोन से कुशलक्षेम की जानकारी ले और दे सकें।


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