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कश्मीर में 44वें दिन भी जनजीवन प्रभावित

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 हटाये जाने, राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने तथा घाटी में धारा 144 और अन्य प्रतिबंध लगाया

कश्मीर में 44वें दिन भी जनजीवन प्रभावित
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 हटाये जाने, राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने तथा घाटी में धारा 144 और अन्य प्रतिबंध लगाये जाने के विरोध में आहूत बंद मंगलवार को सातवें सप्ताह भी जारी रहा और व्यापारिक तथा अन्य गतिविधियां ठप रहीं।

इस बीच सोमवार को घाटी में न्यू खंडा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में कम से कम छह युवक घायल हो गये। पुराने श्रीनगर के नटिपोरा और रामबाग सहित कुछ अन्य क्षेत्रों से पथराव की सूचना मिली थी।

आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि घाटी के किसी भी हिस्से में कर्फ्यू नहीं लाया गया है। कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिये घाटी में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं।

ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे पांच अगस्त से ही बंद हैं और यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

श्रीनगर अस्पताल में हड्डियों और जोड़ों के एक डॉक्टर ने यूनीवार्ता को बताया कि सोमवार को एक दर्जन से अधिक घायल युवकों को अस्पताल में लाया गया था। एक मरीज ने बताया कि सोमवार को न्यू खंडा इलाके में प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में उन्हें चोटें आईं।

घाटी में पांच अगस्त से ट्रेन सेवा निलंबित है जिसके कारण रेलवे को 1.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। घाटी में मोबाइल और भारत संचार निगम लिमिटेड तथा अन्य कंपनियों की इंटरनेट सेवाएं 44 दिनों से स्थगित हैं जिसके कारण छात्रों, मीडिया कर्मियों, डॉक्टरों और अन्य पेशेवरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि कुपवाड़ा के पुलिस जिलों में मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है।

अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में चार सप्ताह पहले प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को फिर से खोला था लेकिन अनिश्चित स्थिति के कारण अधिकतर छात्र शैक्षणिक संस्थानों से दूर रहे। विश्वविद्यालय, कॉलेज, ट्यूशन और कोचिंग संस्थान भी पांच अगस्त से बंद हैं।
श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान पिछले 44वें दिन मंगलवार को भी बंद रहे है और सड़क राज्य परिवहन निगम की बसें भी सड़काें पर नहीं देखी गयी हैं लेकिन नये शहर, सिविल लाइंस और बाहरी क्षेत्रों में सड़कोें पर निजी वाहन चलते दिखाई दिये।

कश्मीर घाटी में अन्य जगहों पर जनजीवन बुरी प्रभावित रहा और दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और पांच अगस्त से हड़ताल के कारण सड़कों पर यातायात बंद है।

यहां प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां जिलों में व्यापारिक और अन्य गतिविधियाँ 44 वें दिन भी ठप रही। कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, पट्टन, सोपोर, हंदवाड़ा और अजास में भी जनजीवन प्रभावित रहा। गंदेरबल और बडगाम जिलों से भी बंद की रिपोर्ट मिली है।


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