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लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा बने अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ

लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा, अंडमान और निकोबार कमान के नए कमांडर-इन-चीफ बन गए हैं

लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा बने अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ
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नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा, अंडमान और निकोबार कमान के नए कमांडर-इन-चीफ बन गए हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उन्होंने इस कमान के 18वें कमांडर-इन-चीफ के रूप में 1 जून को कार्यभार ग्रहण किया है।

श्री विजयपुरम स्थित अंडमान और निकोबार कमान भारत की पहली और एकमात्र त्रि-सेवा ऑपरेशनल कमान है। यह कमान थलसेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल को एकीकृत करती है। साथ ही यह कमान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करती है।

अंडमान और निकोबार कमान का पदभार संभालने से पहले वे डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। वे इस पद से कमांडर-इन-चीफ के पद पर पदोन्नत होने वाले पहले रक्षा खुफिया प्रमुख हैं, जो भारत की सैन्य नेतृत्व में खुफिया और संयुक्त संचालन की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

रक्षा मंत्रालय ने रविवार रात इस नियुक्ति के संबंध में बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल राणा को 19 दिसंबर 1987 को गढ़वाल राइफल्स की 10वीं बटालियन में कमीशन मिला था। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने गढ़वाल राइफल्स की बटालियन को कमांड भी किया। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के स्नातक हैं और वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के स्नातकोत्तर।

इसके अलावा, उन्होंने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, स्पेन के मैड्रिड में सेंटर फॉर नेशनल डिफेंस स्टडीज और अमेरिका की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से भी शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने कई पेशेवर सैन्य पाठ्यक्रमों में टॉप किया है। अपने 37 वर्षों से अधिक के सेवाकाल में उन्होंने विविध प्रकार की परिचालनात्मक, प्रशिक्षण और स्टाफ नियुक्तियां संभाली हैं। उनकी सेवा में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल और संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल लेबनान के साथ कार्यकाल शामिल है।

उन्होंने पूर्वी सेक्टर में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड और डिवीजन की कमान संभाली और बाद में नियंत्रण रेखा पर गजराज कोर का नेतृत्व किया।

लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी, हैदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट और महू के आर्मी वॉर कॉलेज की हायर कमांड विंग में प्रशिक्षक के रूप में भी सेवा दी है। उनकी स्टाफ भूमिकाओं में एक स्वतंत्र बख्तरबंद ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर, स्टाफ ड्यूटीज के उप महानिदेशक, मिलिट्री इंटेलिजेंस (पूर्व) के ब्रिगेडियर, प्रॉवोस्ट मार्शल और एकीकृत मुख्यालय (थल सेना) में स्टाफ ड्यूटीज के महानिदेशक शामिल हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल राणा को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल और थल सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है। एक युवा अधिकारी के रूप में उन्होंने कश्मीर में वीरता के लिए सेना मेडल और सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र प्राप्त किया था। उन्होंने चीन के रक्षा आधुनिकीकरण पर पीएचडी भी किया है।


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