उपराज्यपाल अनिल बैजल पर लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने पहुंची दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर लोकतंत्र का मजाक बनाने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने पहुंची दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर लोकतंत्र का मजाक बनाने का आरोप लगाया। आप सरकार की ओर से दलील पेश करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा कि एलजी बिना किसी अधिकार के चुनी हुई सरकार के फैसले ले रहे हैं या दिल्ली सरकार के कानूनों के बीच में अड़ंगा लगा रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा कि जो मामले राष्ट्रपति को भेजने लायक हैं, वही भेजे जाएं। नहीं तो राष्ट्रपति सिर्फ दिल्ली के प्रशासनिक मामले ही निपटाते रहेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि इस अधिनियम के तहत एलजी को दिल्ली सरकार के सहयोग और सलाह के साथ काम करना चाहिए। इसमें मतभेद की स्थिति में राष्ट्रपति ही कोई निर्णय ले सकते हैं।
एलजी के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं हैं। इस दौरान हाईकोर्ट द्वारा एलजी को दिल्ली का प्रशासनिक मुखिया बताए जाने का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि एलजी अब हर मामले में कहते हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार की शक्तियां छिन चुकी हैं, इसीलिए जो करना है हम करेंगे, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सारी दलीलें सुनने के बाद सुनावई को 14 नवंबर तक के लिए टाल दिया है।


