सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का पुराना तरीका बहाल करने के लिए पत्र
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने शीर्ष अदालत में जुलाई से खुली अदालत में सुनवाई का पुराना तरीका बहाल करने का अनुरोध किया है।

नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने शीर्ष अदालत में जुलाई से खुली अदालत में सुनवाई का पुराना तरीका बहाल करने का अनुरोध किया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष, शिवाजी एम जाधव ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे को पत्र लिखकर गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई में अदालत कक्षों को फिर से खोलने और पुराने तरीके से ही सुनवाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि लगभग 95 फीसदी वकील वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई के साथ असहज हैं, क्योंकि वे कंप्यूटर के इस्तेमाल को लेकर पूरी तरह सहज नहीं हैं।
एसोसिएशन का कहना है कि खुली अदालत की सुनवाई भारतीय कानून प्रणाली की रीढ़ है और वर्चुअल सुनवाई उसका स्थान नहीं ले सकती। पत्र में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन फाइलिंग और मामलों की सुनवाई में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है।
एसोसिएशन का कहना है कि वकीलों/वादियों को अक्सर एक आभासी सेटिंग में अपने मामले का प्रभावी ढंग से उल्लेख करने के लिए विवश किया जाता है, जबकि तकनीकी खामियों, अपर्याप्त आधारभूत संरचना, वित्तीय दिक्कतों के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
एसोसिएशन ने न्यायालय को इसके लिए कुछ सलाह भी दिये हैं, जिनमें सभी संबंधितों की सुरक्षा के लिए शर्तों को लागू करने पर विचार करना, वकीलों की संख्या सीमित करना और अलग प्रवेश एवं निकास द्वार शामिल है।


