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कोविड-19 की राष्ट्रीय क्लीनिकल रजिस्ट्री में भागीदारी के लिए आशय पत्र आमंत्रित

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के लक्षणों, उसकी जांच, प्रबंधन, उपचार और उपचार के परिणाम के आंकड़े जमाकर कोविड -19 की नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री (एनसीआरसी) तैयार की जा रही है।

कोविड-19 की राष्ट्रीय क्लीनिकल रजिस्ट्री में भागीदारी के लिए आशय पत्र आमंत्रित
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नयी दिल्ली । देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के लक्षणों, उसकी जांच, प्रबंधन, उपचार और उपचार के परिणाम के आंकड़े जमाकर कोविड -19 की नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री (एनसीआरसी) तैयार की जा रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस रजिस्ट्री में भागीदारी के लिए कोविड के समर्पित अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों से आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) भेजने काे कहा है।

आईसीएमआर ने गुरुवार रात को यह जानकारी दी कि कोविड-19 की नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री तैयार करने के लिए समर्पित कोविड अस्पतालों तथा समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्रों को आशय पत्र भेजने के लिए आमंत्रित किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आईसीएमआर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली ने मिलकर एनसीआरसी तैयार करने का प्रस्ताव रखा था ताकि इसके उपयोग से मरीजों के प्रबंधन की समुचित रणनीति तैयार की जा सके, बीमारी की गंभीरता और उसके उपचार का पूर्वानुमान लगाया जा सके।

आईसीएमआर ने कहा कि समर्पित कोविड अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र आंकड़े जमा करने की प्राइमरी साइट केे रूप में काम करेंगे। इन सभी साइट को देशभर के 15 प्रयात मेडिकल संस्थान प्रशिक्षित करेंगे और निगरानी करेंगे। राष्ट्रीय स्तर के ये 15 संस्थान रजिस्ट्री को तैयार करने में अपना सहयोग देंगे। इनमें नयी दिल्ली,जोधपुर, भुवनेश्वर, भोपाल और रायपुर स्थित एम्स , पीजीएमआईआर,चंडीगढ़, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ और निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हैदराबाद आदि शामिल हैं। एनसीआरसी को तैयार करने में देशभर के 100 अस्पतालों से आंकड़े जुटाये जाएंगे। इसकी अवधि एक साल की होगी। एनसीआरसी में भागीदारी लेने वाले सभी संस्थानों को आईसीएमआर से फंंड मिलेगा।

एनसीआरसी तैयार करने का उद्देश्य देश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों के उपचार और उपचार के परिणाम तथा क्लीनिकल आंकड़ों को जमाकर उनका विश्लेषण करना है ताकि बच्चों और युवाओं में कोरोना से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का अध्ययन किया जा सके। इससे कोविड-19 से संबंधित हर सवाल का जवाब मिलने में आसानी होगी। एनसीआरसी में कोरोना से रोगमुक्त हुए मरीजों के आंकड़े भी इकट्ठा किये जा सकते हैं।


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