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पिछले साल की तुलना में इस साल यमुना नदी में तीन चौथाई पानी कम आ रहा: हरियाणा सरकार

हरियाणा सरकार ने दिल्ली के साथ चल रहे जल विवाद मामले में आज उच्चतम न्यायालय में कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल यमुना नदी में तीन चौथाई पानी कम आ रहा है।

पिछले साल की तुलना में इस साल यमुना नदी में तीन चौथाई पानी कम आ रहा: हरियाणा सरकार
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नयी दिल्ली। हरियाणा सरकार ने दिल्ली के साथ चल रहे जल विवाद मामले में आज उच्चतम न्यायालय में कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल यमुना नदी में तीन चौथाई पानी कम आ रहा है।

हरियाणा सरकार ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष कहा कि यमुना में इस साल तीन चौथाई पानी कम आ रहा है और मामले की सुनवाई के दौरान इस बात को भी गौर किया जाना चाहिए।

हरियाणा सरकार ने हालांकि कहा कि दिल्ली सरकार के 450 क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोड़ने की मांग पर वह विचार करेगी। शीर्ष अदालत अब मामले की सुनवाई 11 मई को करेगी। पर्यावरण संबंधी विशेष पीठ दिल्ली जल बोर्ड की उस याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें उसने राजधानी में पानी की दिक्कत पैदा होने को हवाला देते हुए हरियाणा सरकार के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

दिल्ली जल बोर्ड ने न्यायालय से मांग की है कि वह अंतरिम आदेश जारी कर हरियाणा सरकार को यमुना में कम से कम 450 क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोड़ने का निर्देश दे। हरियाणा इस समय 330 क्यूसेक पानी प्रतिदिन दिल्ली को दे रहा है।

दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि यमुना नदी में पानी की आपूर्त्ति बंद कर देने की वजह से दिल्ली में पानी संकट पैदा हाे गया है।
गौरतलब है कि गत 23 अप्रैल को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों एवं जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को मिल-बैठकर इस समस्या का समाधान ढूंढने को कहा था।


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