तिहाड़ में कानूनी सलाह को लगा कैंप
दक्षिणी पश्चिमी जिला अंतर्गत दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने तिहाड़ के जेल नंबर एक में कैंप लगाया और कैदियों को कानूनी सलाह दी

नई दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला अंतर्गत दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने तिहाड़ के जेल नंबर एक में कैंप लगाया और कैदियों को कानूनी सलाह दी।
इस दौरान कई कैदी अपना मामला लेकर आए और आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। इस कैंप में करीब आठ सौ कैदियों ने भाग लिया। इस मौके पर द्वारका कोर्ट में चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमेध कुमार सेठी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इसके अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जगमोहन ङ्क्षसह के साथ उनकी पूरी टीम मौजूद थी। कैंप के दौरान सुमेध कुमार सेठी ने कहा कि अगर किसी कैदी को सात साल या उससे कम की सजा मिली है और वह दूसरे पक्ष से अपनी गलती मान लेता है।
साथ ही अगर दूसरा पक्ष मुआवजे की मांग करता है और उसे मुआवजा दे देता है तो इस स्थिति में कोर्ट उसके साथ उदारता बरतेगा और उसकी सजा कम हो सकती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है और इसका लाभ दोषी उठा सकते हैं।
जगमोहन ने कहा कि जेल नंबर एक में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का लीगल एड क्लिीनिक है। इसमें प्रतिदिन तीन बजे से लेकर सात बजे तक दो वकील बैठते हैं और कैदियों को सहायता उपलब्ध करते हैं। इसमें जमानत अर्जी बनाना, कोर्ट में पेशी के लिए उनकी सहायता करना, पैरोल को लेकर उनकी मदद करना, अंतरिम जमानत के लिए अर्जी बनाना शामिल है। अगर किसी कैदी के पास वकील नहीं है तो प्राधिकरण उन्हें मुफ्त में वकील भी देता है।
जगमोहन ने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों में कानून को लेकर जागरूकता लाना है। कई लोग जानकारी के अभाव में इसका लाभ लेने से वंचित हो जाते हैं। कैंप के दौरान कैदियों ने गीत-संगीत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। सभी ने कैदियों के हुनर की तारीफ की।


