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रूढ़िवादी सोच को त्याग देश को विकास पथ पर आगे ले जाएं : राज्यपाल

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हमें जातपात की रूढ़िवादी सोच को त्यागकर सामूहिक प्रयासों से देश को तेजी से विकास के पथ पर आगे ले जाना चाहिए ताकि भारत 21वीं सदी का सबसे विकसित राष्ट्र बन सके

रूढ़िवादी सोच को त्याग देश को विकास पथ पर आगे ले जाएं : राज्यपाल
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शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हमें जातपात की रूढ़िवादी सोच को त्यागकर सामूहिक प्रयासों से देश को तेजी से विकास के पथ पर आगे ले जाना चाहिए ताकि भारत 21वीं सदी का सबसे विकसित राष्ट्र बन सके।

राज्यपाल शनिवार की शाम शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में संस्कार भारती हिमाचल प्रदेश की शिमला इकाई, नेपेथ्य फाउंडेशन एवं हरियाणा कला परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नाटक 'कोर्ट मार्शल' के मंचन के पश्चात लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जिस एकता और भाईचारे के साथ हमें देश को उंचा उठाना चाहिए, वह हम कुछ रुढ़िवादी सोच के कारण नहीं कर पा रहे हैं और वह कमजोरियां आज भी हमारे अंदर दिखाई देती हैं। मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं होना चाहिए क्यांकि इससे समाज में कटुता पैदा होती है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है और हमारी पुरातन संस्कृति ने कभी भी मानव-मानव में भेद नहीं किया।

मध्यकाल में यह विषमताएं पैदा हुईं, जिससे जातपात का जहर इस देश में पैदा हुआ। परमात्मा ने जातपात नहीं बनाई। उसने सबको एक जैसा बनाकर भेजा है और वेदों में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है।

हम केवल जात-पात के जहर को ढो रहे हैं तथा यह पाखंड एवं अंधविश्वास देश की एकता एवं अखंडता को खतरा पैदा करता है।

नाटक के कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनकी दमदार प्रस्तुति ने समाज की इस बुराई के खिलाफ हमें सोचने पर मजबूर किया है और यह हमारा कर्तव्य बनता है कि इस बुराई को समाज से निकालकर देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि संस्कार भारती संस्कारित समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।

नाटक के माध्यम से समाज में फैले जातपात के भेदभाव को दशार्या गया है। नाटक 'कोर्ट मार्शल' को स्वदेश दीपक ने लिखा था और निर्देशन किया प्रमोद कुमार ने।


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