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बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेंगे : रामदास आठवले

बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेंगे : रामदास आठवले
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मुंबई। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की फिर से सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और जीत एनडीए की होगी।

शनिवार को आठवले ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में सभी 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनाएगी।

उन्होंने इंडिया गठबंधन की 9 जुलाई को बिहार में ‘चक्का जाम’ की घोषणा पर कहा कि इंडी अलायंस 9 तारीख को बंद और चक्का जाम करने की योजना बना रहा है, लेकिन चुनाव के दौरान हम उन्हें रोकेंगे। चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए लड़ेगा। मेरी पार्टी आरपीआई ने फैसला किया है कि एनडीए उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बनेगी।

मुंबई में भाषा विवाद पर ठाकरे बंधुओं के साथ आने पर आठवले ने कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 साल बाद मराठी मुद्दे पर साथ आए हैं, जो अच्छी बात है। हमें मराठी पर गर्व है और हर मराठी व्यक्ति को आगे आकर अपनी बात रखनी चाहिए। इन दोनों भाइयों के साथ आने से हमारी महायुति को और भी फायदा होगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महाविकास अघाड़ी टूट जाएगी, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अलग-अलग रहेंगी और उद्धव ठाकरे को भी गठबंधन से अलग होना होगा। राज ठाकरे का मानना है कि उन्हें किसी और पार्टी की जरूरत नहीं। इसीलिए यह दोनों एक साथ आए हैं। देखना है कि दोनों एक साथ कितने दिनों तक रहते हैं। जहां तक बात उनकी ओर से विजय रैली की है तो वह तो हमें निकालना चाहिए। क्योंकि, जिसे लेकर विपक्ष विवाद कर रहा था, उसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खत्म कर दिया।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे की ओर से पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान 'जय गुजरात' का नारा लगाने पर आठवले ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने जानबूझकर "जय गुजरात" का नारा नहीं दिया, उन्होंने मराठी का अपमान नहीं किया है। पुणे में गुजराती भाषी कार्यक्रम था, जिसमें अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और शिंदे मौजूद थे। शिंदे ने भाषण के अंत में "विजयी हो" और "जय महाराष्ट्र" भी कहा। कार्यक्रम गुजराती लोगों का था, इसलिए उन्होंने "जय गुजरात" कहा। विपक्ष इस पर अनावश्यक राजनीति कर रहा है।


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