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उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए उत्सुक दिखते हैं : प्रवीण दरेकर

मुंबई के वर्ली में शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को संयुक्त रूप से 'मराठी विजय रैली' की

उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए उत्सुक दिखते हैं : प्रवीण दरेकर
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मुंबई। मुंबई के वर्ली में शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को संयुक्त रूप से 'मराठी विजय रैली' की। दोनों पार्टियों के प्रमुख ठाकरे बंधु करीब 20 साल बाद एक मंच पर दिखे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए बहुत उत्सुक दिखते हैं।

भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, "मैंने (मनसे प्रमुख) राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों के भाषण सुने हैं। राज ठाकरे ने मराठी भाषा पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने उसकी महानता बताई और कहा कि इसे कैसे संरक्षित किया जाना चाहिए। लेकिन उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए बहुत उत्सुक दिखते हैं। यह वास्तव में मराठी लोगों के बारे में नहीं है, बल्कि सत्ता वापस पाने के बारे में है।"

उन्होंने कहा कि अगर दोनों भाई साथ आते हैं, तो बुरा महसूस करने की कोई वजह नहीं है। राजनीति में भाई साथ आते हैं, भाई अलग भी हो जाते हैं, पार्टियां एक होती हैं तो अलग भी हो जाती हैं। इसलिए, इस स्थिति के बारे में कुछ भी नया या चमत्कारी नहीं है। देवेंद्र फडणवीस दोनों भाइयों को एक साथ लाए और वे मराठी के हित के लिए एकजुट हुए हैं। इसलिए, हमारी उम्मीद है कि वे मराठी, मराठी भाषा के लिए काम करें। मेरा उनसे अनुरोध है राजनीतिक लाभ के लिए मराठी भाषा और मराठी लोगों का इस्तेमाल न करें।

उद्धव ठाकरे के भाजपा के झंडे को बर्तन पोछने वाला कपड़ा बताने पर प्रवीण दरेकर ने कहा उद्धव ठाकरे का स्वभाव दूसरे का अपमान और नीचा दिखाने का है। राजनीति में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करनी चाहिए, लेकिन इतना भी गलत नहीं बोलना चाहिए। भाजपा ने तिरंगे का सम्मान करने का काम किया है। कश्मीर में तिरंगा कभी फहराया नहीं जाता था, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में वहां भी तिरंगा फहराया गया। देश हित में ही अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया।

मराठी न सीखने की बात पर मुंबई के व्यापारी सुशील केडिया के कार्यालय में मनसे कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। इस पर प्रवीण दरेकर ने कहा केडिया को ऐसा बोलने की जरूरत नहीं थी। जिस राज्य में रहते हैं उस राज्य की भाषा की इज्जत करनी चाहिए, लेकिन यह नहीं हुआ तो आग्रह करना उचित है और मारपीट करना ठीक नहीं है।


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