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उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं : वारिस पठान

एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा है कि महाराष्ट्र में अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आते हैं तो उन्हें विकास की बात करनी चाहिए

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं : वारिस पठान
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मुंबई। एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा है कि महाराष्ट्र में अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आते हैं तो उन्हें विकास की बात करनी चाहिए।

वारिस पठान ने कहा, "अगर ठाकरे परिवार साथ आ जाता है तो इसमें मुझे क्या आपत्ति हो सकती है। दोनों पहले साथ में ही थे। 7 साल के बाद मुंबई में कॉरपोरेशन के चुनाव होने वाले हैं। इसी वजह से उनके साथ आने की चर्चा है। अगर वे साथ आते हैं, तो विकास के मुद्दे उठाएं। बीएमसी में जो भ्रष्टाचार बढ़ा है, मुंबई के रास्तों पर गड्ढे बढ़ते जा रहे हैं, पानी का जो मुद्दा है। इस पर दोनों को बात करनी चाहिए।"

महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किए जाने के सरकारी आदेश का राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने विरोध किया है। इस पर वारिस पठान ने कहा कि महाराष्ट्र में भाषा का मुद्दा तो है। लेकिन, हम किसी पर भी किसी भाषा को सीखने या बोलने का दबाव नहीं बना सकते हैं। अगर हिंदी की बात करें तो यह प्यारी भाषा है और इसे बोलना चाहिए।

महाराष्ट्र सरकार ने हाल में एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक मराठी और अंग्रेजी भाषा के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक हिंदी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने को अनिवार्य कर दिया गया था।

सरकार के इस आदेश का शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने विरोध किया। राज ठाकरे ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान किया है। आंदोलन को उद्धव ठाकरे ने पूर्ण समर्थन देने का फैसला लिया है।

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार के हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के आदेश को भाषाई आपातकाल कहा और इसके खिलाफ महाराष्ट्र के हर वर्ग से आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की।


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