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जन सुरक्षा विधेयक के जरिए सरकार जनता की आवाज दबा रही है : विजय वडेट्टीवार

महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने जन सुरक्षा कानून पारित किए जाने पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे जनता की आवाज दबाने और सरकार की नाकामियों को छिपाने का प्रयास बताया

जन सुरक्षा विधेयक के जरिए सरकार जनता की आवाज दबा रही है : विजय वडेट्टीवार
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मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने जन सुरक्षा कानून पारित किए जाने पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे जनता की आवाज दबाने और सरकार की नाकामियों को छिपाने का प्रयास बताया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के विधेयकों का हमेशा विरोध करेगी, क्योंकि यह जनता के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। यह विधेयक जन सुरक्षा के नाम पर लाया गया है। लेकिन, इसका मकसद सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वालों को चुप कराना है।

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि अगर कोई कविता लिखता है, शिक्षा देता है या सरकार की नीतियों की आलोचना करता है, तो क्या उसे इस विधेयक के तहत दोषी ठहराया जाएगा? सरकार मौजूदा कानूनों का उपयोग करने के बजाय इस विधेयक के जरिए संविधान की रक्षा करने वालों को देशद्रोही ठहराना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का असली उद्देश्य मनुस्मृति को बढ़ावा देना है।

उन्होंने आगे कहा कि किसी खास धर्म को निशाना बनाकर बयान देना गलत है। वोट जुटाने और धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिश को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

विजय वेडट्टीवार ने मांग की कि धार्मिक मुद्दों पर बात करते समय सभी धर्मों के लिए समान दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। यह विधेयक सरकार की असफलताओं को छिपाने और जनता के विरोध को कुचलने का हथकंडा है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने हक के लिए आवाज उठाएं और ऐसे कानूनों का विरोध करें। कांग्रेस इस विधेयक के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने को प्रतिबद्ध है।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार को महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, जिसे जन सुरक्षा कानून के नाम से जाना जाता है, को ध्वनिमत से पारित कर दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पेश इस विधेयक का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद, विशेषकर शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित करना है।

सरकार का दावा है कि यह कानून देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों पर कार्रवाई के लिए जरूरी है। विधेयक में गैर-जमानती अपराधों की श्रेणी और संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने का प्रावधान शामिल है।


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