Top
Begin typing your search above and press return to search.

आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं, हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं

आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं, हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे : राजनाथ सिंह
X

किंगदाओ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं। गुरुवार को राजनाथ सिंह ने पहलगाम हमलों के बाद शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया। उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि कुछ देश सीमा पार आतंकवादियों को पनाह देते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में कहा, "आतंकवाद के प्रति भारत का 'जीरो टॉलरेंस' आज जग जाहिर है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद की रक्षा करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखाया कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं। हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए। एससीओ के 'आरएटीएस तंत्र' ने इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत की अध्यक्षता के दौरान जारी एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के संयुक्त वक्तव्य 'आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला' पर हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।"

रक्षा मंत्री ने कहा, "कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।"

राजनाथ सिंह ने क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी को बताया। उन्होंने कहा कि शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ नहीं रह सकती।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इन समस्याओं का मूल कारण कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में वृद्धि है।"

उन्होंने कहा, "शांति और समृद्धि उन परिस्थितियों में संभव नहीं, जहां आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियार गैर-राज्य तत्वों और आतंकवादी संगठनों के हाथों में हों। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ अपनी सामूहिक सुरक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it