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बिहार मतदाता पुनरीक्षण को लेकर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना

बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बीएलओ को बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग भी मिले हैं

बिहार मतदाता पुनरीक्षण को लेकर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
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पटना। बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बीएलओ को बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग भी मिले हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदाता सूची में उनका नाम नहीं जोड़ा जाएगा। इस पर बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर हमला बोला है।

तेजस्वी ने सवाल उठाया कि अगर वोटर लिस्ट में फर्जी नाम शामिल हैं, तो इसके लिए पिछले 20 साल से बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए और 11 साल से केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार है। 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को मिली जीत पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या विदेशियों ने वोट देकर एनडीए को जिताया?

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और जिला अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे बिना सत्यापन के फॉर्म भरकर अपलोड करें, जिससे सिस्टम पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया है। उन्होंने इसे गरीबों और वंचित वर्गों के मताधिकार को छीनने की साजिश करार दिया।

तेजस्वी ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह से "आंखों में धूल झोंकने" वाला है और इसके पीछे केंद्र और बिहार सरकार का हाथ है।

उन्होंने कहा कि हर दिन हत्याएं और अपराध की घटनाएं हो रही हैं, जिससे लोग डर में जी रहे हैं।

उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर 19 लाख नौकरियों के वादे को खोखला बताया। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में पलायन, शिक्षा और चिकित्सा की खराब स्थिति के लिए एनडीए जिम्मेदार है।

दूसरी ओर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में हर दिन हत्याएं हो रही हैं, चाहे वह राजधानी पटना हो या कोई अन्य जिला। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल चुनावी मोड में है और जनता की समस्याओं की ओर उसका कोई ध्यान नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार और उसके सहयोगी दल जनता को परेशान कर रहे हैं और वोटर लिस्ट में छंटनी करवाकर अपने हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश अब पहले जैसे नहीं रहे और उनकी पार्टी जेडीयू, अब पूरी तरह से भाजपा के इशारे पर चल रही है। बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। बिहार की जनता समझ चुकी है और वह केवल बिहार के लिए समर्पित नेताओं पर भरोसा करेगी।


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