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किश्तवाड़ में अचानक बाढ़ से तबाही, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताया गहरा दुख

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ जिले के वरवन क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान पर गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया है

किश्तवाड़ में अचानक बाढ़ से तबाही, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताया गहरा दुख
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जम्मू-कश्मीर में बादल फटने और भूस्खलन से 10 मौतें, राहत कार्य तेज

  • प्राकृतिक आपदा से जम्मू-कश्मीर में हाहाकार, मुख्यमंत्री ने दिए राहत के निर्देश
  • लगातार बारिश से बढ़ा संकट, प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ जिले के वरवन क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान पर गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जाए, क्षतिग्रस्त संपर्क मार्गों को तुरंत बहाल किया जाए और ऊपरी इलाकों में रह रहे बकरवाल समुदाय तक पहुंचकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

इधर, किश्तवाड़ के उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

इससे पहले रियासी और रामबन जिलों में शुक्रवार रात बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग लापता हैं।

राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, रियासी जिले के महोर क्षेत्र के बद्दर गांव में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से एक कच्चा मकान मलबे में दब गया। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक दंपति और उनके पांच बच्चे शामिल हैं। मृतकों की पहचान नजीर अहमद (38), उनकी पत्नी वजीरा बेगम (35), और उनके बच्चे बिलाल अहमद (13), मोहम्मद मुस्तफा (11), मोहम्मद आदिल (8), मोहम्मद मुबारक (6) और मोहम्मद वसीम (5) के रूप में हुई है।

वहीं, रामबन जिले के राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें कुछ मकान पूरी तरह बाढ़ के पानी में बह गए।

प्रशासन ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए टीमें लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं। विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।

बचाव अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें भी तैनात की जाएंगी। लगातार बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

गौरतलब है कि इस महीने जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।


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