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निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है : नाना पटोले

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के मराठी भाषा पर दिए बयान की कड़ी निंदा की। नाना पटोले ने कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है

निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है : नाना पटोले
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मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के मराठी भाषा पर दिए बयान की कड़ी निंदा की। नाना पटोले ने कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "आपकी ही पार्टी की सरकार महाराष्ट्र में है, मुख्यमंत्री भी आपका है। फिर भी आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो मराठी भाषा और संस्कृति का अपमान है। भाजपा हर राज्य में अलग रंग बदलती है। मध्य प्रदेश में कुछ और केरल में कुछ और कहती है। गोवा में उनके मंत्री बीफ खाते पाए जाते हैं। इस पार्टी में कोई विचारधारा नहीं, सिर्फ सत्ता की भूख है।"

पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज का जिक्र करते हुए कहा कि वे एकमात्र ऐसे राजा हैं, जिन्हें दुनिया भर में 'महाराज' कहकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा, "शिवाजी महाराज ने कभी धर्म या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उनकी जनता का अपमान करना भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री में हिम्मत है, तो वे ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकालें।"

पटोले ने मुंबई के अंधेरी वेस्ट में वीरा देसाई रोड पर एक महिला के साथ गाली-गलौज और धमकी देने के वायरल वीडियो पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैं किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर है।"

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है, जिससे जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

कांग्रेस नेता ने महायुति सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमने भास्कर यादव का नाम विरोधी पक्ष के नेता के तौर पर प्रस्तावित किया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार नहीं किया। यह दर्शाता है कि सरकार विपक्ष को मजबूत नहीं होने देना चाहती। यह फैसला उनकी कमजोरी और अलोकतांत्रिक रवैये को उजागर करता है। कांग्रेस महाराष्ट्र की जनता के हितों के लिए हमेशा लड़ती रहेगी।"


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