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महाराष्ट्र सरकार का लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को नियंत्रित करने का फैसला स्‍वागतयोग्‍य : केएस ईश्वरप्पा

मुंबई में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लाउडस्पीकर हटा दिए हैं

महाराष्ट्र सरकार का लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को नियंत्रित करने का फैसला स्‍वागतयोग्‍य : केएस ईश्वरप्पा
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कलबुर्गी। मुंबई में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लाउडस्पीकर हटा दिए हैं। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्‍ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 1,500 से ज्‍यादा लाउडस्पीकर हटा दिए हैं और सुझाव दिया कि कर्नाटक में भी इसी तरह के कदम उठाए जाने चाहिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर संभावित बदलाव के बारे में ईश्वरप्पा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आलाकमान को स्पष्ट फैसला लेना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे इस मामले में नहीं बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अच्छा होगा अगर कांग्रेस आलाकमान यह फैसला ले कि सिद्धारमैया पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहें। सिद्धारमैया को कांग्रेस पार्टी के आलाकमान से इसकी घोषणा करने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने इस मामले पर डीके शिवकुमार की चुप्पी पर भी चिंता जताई और कहा कि यह सही नहीं है और कर्नाटक में राजनीतिक असमंजस को दूर किया जाना चाहिए।

आरएसएस पर मंत्री प्रियांक खड़गे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि प्रियांक खड़गे को आरएसएस के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। वे केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन उन्हें पहले राज्य में विधानसभा चुनाव जीतना चाहिए। उन्होंने आरएसएस के बारे में पूरी जानकारी के बिना बोलने के लिए प्रियांक खड़गे की आलोचना की और उन पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित बयान देने का आरोप लगाया।

हाल ही में कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ होने का आरोप लगाया था।


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