Top
Begin typing your search above and press return to search.

कुंदरकी उपचुनाव में 'वोट चोरी' के आरोप पर चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के आरोपों का जवाब दिया। यह मामला उत्तर प्रदेश के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव से जुड़ा है

कुंदरकी उपचुनाव में वोट चोरी के आरोप पर चुनाव आयोग की सफाई
X

पवन खेड़ा के आरोपों पर आयोग का जवाब- धर्म आधारित विश्लेषण असंभव

  • उपचुनाव में वोटिंग पैटर्न पर सवाल, आयोग ने कहा- कोई शिकायत नहीं मिली
  • खेड़ा बोले- 1.4 लाख वोटों का अंतर चमत्कार नहीं, आयोग ने खारिज किया दावा
  • कुंदरकी विवाद पर चुनाव आयोग ने कहा- मामला कोर्ट में, टिप्पणी नहीं करेंगे

लखनऊ। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के आरोपों का जवाब दिया। यह मामला उत्तर प्रदेश के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव से जुड़ा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पवन खेड़ा के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान ने नवंबर 2024 में कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक चुनाव याचिका दायर की है। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस उपचुनाव के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है।

चुनाव आयोग ने आगे कहा कि देश में ऐसे कई मामले हैं जहां एक ही विधानसभा क्षेत्र में कुछ महीनों के अंतराल पर हुए दो लगातार चुनावों के परिणाम बहुत अलग रहे हैं। जैसे कि महाराष्ट्र के 114-मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को सिर्फ 3.13 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उसी विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में जो पांच महीने पहले हुआ था, कांग्रेस के उम्मीदवार को अविश्वसनीय रूप से 96.7 प्रतिशत मत मिले थे।

यूपी सीईओ ने कहा कि जहां तक ​​वोटर लिस्ट की बात है, उसमें किसी भी मतदाता का धर्म या जाति दर्ज नहीं होती। स्क्रोल मैगजीन के लेख में यह जो बात कही गई है कि उसका विश्लेषण और निष्कर्ष ईसीआई द्वारा जारी आंकड़ों पर आधारित है, वह गलत है, क्योंकि ईसीआई द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर धर्म या जाति के आधार पर कोई भी विश्लेषण नहीं किया जा सकता। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी मतदाता के गलत तरीके से नाम हटाने या जोड़ने या धर्म के आधार पर फॉर्म-6 को गलत तरीके से खारिज करने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।

इससे पहले पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "चुनाव आयोग पर एक और आरोप, इस बार यूपी से। 2024 के उपचुनाव में कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत, जो हमेशा से सपा का गढ़ मानी जाती थी, ने कई लोगों को हैरान कर दिया, लेकिन अब यह रहस्य खत्म हो गया है कि 1.4 लाख वोटों का अंतर कोई चमत्कार नहीं था, बल्कि यह वोट चोरी थी।"

उन्होंने आगे कहा कि नवंबर 2024 में स्क्रोल की ग्राउंड रिपोर्टिंग में मुस्लिम वोटरों को वोट देने से रोकने के आरोप सामने आए। अब, उनके द्वारा विश्लेषण किए गए डेटा में जो पैटर्न सामने आया है, वह इन आरोपों से मेल खाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में जिन बूथों पर मुस्लिम वोटर ज्यादा थे, वहां भाजपा का वोट शेयर कम था, लेकिन इस उपचुनाव में सभी बूथों पर भाजपा का वोट शेयर ज्यादा रहा, यहां तक ​​कि उन बूथों पर भी जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा थी।

लोकसभा चुनाव के दौरान सभी बूथों पर वोटिंग प्रतिशत 65-75 प्रतिशत था, चाहे वहां की आबादी कैसी भी हो। उपचुनाव में जिन बूथों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा थी, वहां वोटिंग प्रतिशत में भारी गिरावट आई। इसका मतलब है कि मुस्लिम वोटरों को वोट देने से रोका गया या उन्हें वोट नहीं देने दिया गया। अक्टूबर 2023 से अक्टूबर 2024 के बीच वोटर लिस्ट में पांच बार बदलाव किया गया। लोकसभा चुनाव के बाद मुस्लिम बहुल बूथों से नाम हटाने की संख्या ज्यादा थी, जबकि गैर-मुस्लिम बूथों की तुलना में वहां नाम जोड़ने की संख्या कम थी। कई बूथों (58 प्रतिशत) में नाम हटाने में मुस्लिम वोटरों की संख्या उम्मीद से ज्यादा थी। इसी तरह 62 प्रतिशत बूथों में मुस्लिम वोटरों के नाम जोड़ने की संख्या उम्मीद से काफी कम थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it